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कांदुवा : अब तक नहीं भरे हैं कांग्रेसियों के जख्म
जे कुंदन हावड़ा. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस व वाम दलों के बीच हो रही गठबंधन की खबर से आमता के कांदुवा गांव कांग्रेस समर्थकों में सिर्फ भारी नाराजगी ही नहीं बल्कि गुस्से में भी है. कांग्रेस समर्थकों का कहना है कि यह गठबंधन पूरी तरह से अनैतिक है. सिर्फ स्वार्थ के लिए कांग्रेस के कुछ […]
जे कुंदन
हावड़ा. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस व वाम दलों के बीच हो रही गठबंधन की खबर से आमता के कांदुवा गांव कांग्रेस समर्थकों में सिर्फ भारी नाराजगी ही नहीं बल्कि गुस्से में भी है. कांग्रेस समर्थकों का कहना है कि यह गठबंधन पूरी तरह से अनैतिक है. सिर्फ स्वार्थ के लिए कांग्रेस के कुछ नेता चुनाव के पहले गठबंधन करने की कोशिश कर रहे हैं.
आमता के कांदुवा गांव के कांग्रेस समर्थकों का कहना है कि जिस वाम दल के हरमद वाहिनी ने हमलोगों का हाथ काट लिया, उसी दल के साथ आज कांग्रेस गठबंधन करने जा रही है. केशव बाग व घंटेश्वर धारा हावड़ा नगर निगम में ग्रुप डी कर्मचारी हैं. घटना को बीते भले ही 25 साल बीत गये हो, लेकिन दर्द अभी भी बरकरार है. केशव व घंटेश्वर दोनों कार्यालय जाते हैं, लेकिन शर्म से अपनी कटे हुए हाथों को छुपा कर रखते हैं.
वर्ष 1991, लोकसभा चुनाव में उलबेड़िया संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस ने मिनती अधिकारी( वर्तमान में डिप्टी मेयर, हावड़ा नगर निगम) को टिकट दिया था. माकपा से दिग्गज नेता हन्नान मोल्ला प्रत्याशी थे. 18 जून चुनाव परिणाम की घोषणा हुई. हन्नान मोल्ला भारी मतों से विजयी हुए. जीत की खुशी में दूसरे दिन कांदुवा में माकपा की एक विजय रैली निकली.
इसी दौरान माकपा के हरमद वाहिनी ने उस समय के तत्कालीन कांग्रेस के पंचायत सदस्य गोपाल पात्र के घर पर हमला कर दिया गया. जान बचाने केलिए गोपाल घर से किसी तरह भागे. दौड़ते हुए एक तालाब में कूद गये. हरमद वाहिनी ने उनका पीछा करते हुए तालाब में ही हमला बोल दिया. भुजाली, तलवार व कुल्हाड़ी से गोपाल पात्र पर ताबड़तोड़ हमले किये गये. घटनास्थल पर ही मौत हो गयी. मौत का यह तांडव यहीं खत्म नहीं हुआ.
हरमद वाहिनी का यह दल एक-एक करके कांग्रेस कर्मी केशव बाग, घंटेश्वर धारा, चंपा पात्र सहित पांच कांग्रेसियों के हाथ काट लिये. इन सबों का गुनाह सिर्फ इतना ही था कि कांग्रेस प्रत्याशी मिनती अधिकारी के समर्थन में इन लोगों ने कैंपनिंग करते हुए मतदान दिया था. आमता के इस हाथ काटे जाने की घटना से प्रदेश राजनीति में खलबली मच गयी.
उस समय के कांग्रेस नेता ममता बनर्जी पीड़ितों से मिलने कांदुवा गांव पहुंचीं. आर्थिक रूप से पीड़ितों को मदद भी किया. चंपा पात्र ने कहा कि यह गठबंधन जनता के हित के लिए नहीं है. जिसने हमारे साथियों का हाथ काट दिया, आज उसी का हाथ थामने के लिए कुछ स्वार्थी कांग्रेस नेता गंठबंधन करने की फिराक में हैं.यह गठबंधन इंसानियत को शर्मसार करेगी.
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