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चिटफंड घोटाला: कांग्रेस व माकपा नेताओं ने की संयुक्त मांग, मुख्यमंत्री से भी हो पूछताछ

कोलकाता: चिटफंड मामले में सीबीआइ को मुख्यमंत्री से भी पूछताछ करनी चाहिए. चिटफंड के निवेशकों व एजेंट्स के सुरक्षा मंच के बैनर तले आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस व माकपा नेताओं की ओर से यह मांग उठायी गयी. कांग्रेस नेता अब्दुल मन्नान ने कहा कि चिटफंड घोटाले के बाद राज्य में सैकड़ों लोगों ने आत्महत्या […]

कोलकाता: चिटफंड मामले में सीबीआइ को मुख्यमंत्री से भी पूछताछ करनी चाहिए. चिटफंड के निवेशकों व एजेंट्स के सुरक्षा मंच के बैनर तले आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस व माकपा नेताओं की ओर से यह मांग उठायी गयी. कांग्रेस नेता अब्दुल मन्नान ने कहा कि चिटफंड घोटाले के बाद राज्य में सैकड़ों लोगों ने आत्महत्या कर ली. उनके परिजनों का कहना है कि चिटफंड में इसलिए उन्होंने रुपये लगाये थे, क्योंकि चिटफंड मालिकों के साथ तृणमूल नेताओं व मंत्रियों को देखा जाता था. चिटफंड मालिकों को तो राज्यसभा सांसद भी बनाया गया. यह विश्वास था कि उन्हें धोखा नहीं मिलेगा.
मुख्यमंत्री की तसवीरों की प्रदर्शनी आखिर बंद क्यों हो गयी. ‘बुआ और भतीजे ने गरीबों का पैसा लूटा’. ठगी के पैसे तसवीरों के जरिये किस एकाउंट में गये, जनता यह जवाब चाहती है. मुख्यमंत्री ने कमर में रस्सी डाल कर जिसे घुमाने की बात कहती थीं, उन्हें अब वह फूलों की माला पहना रही हैं. यह इसीलिए किया जा रहा है, ताकि सीबीआइ की जांच आहिस्ता चले. यह केंद्र व राज्य सरकार दोनों का ही षड्यंत्र है. मुख्यमंत्री से भी पूछताछ की जानी चाहिए. सीटू नेता श्यामल चक्रवर्ती ने कहा कि चिटफंड पीड़ितों के लिए चार-पांच वर्षों से लड़ाई लड़ी जा रही है. मुख्यमंत्री समेत कई बड़े मंत्री इसमें शामिल हैं.

उन सभी से पूछताछ होनी चाहिए. श्यामल सेन कमीशन की रिपोर्ट को अब तक प्रकाशित क्यों नहीं किया गया. इसके लिए और बड़े आंदोलन की जरूरत है. कांग्रेस नेता सूजन चक्रवर्ती ने कहा कि सीबीआइ को अपनी जांच के दायरे में राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों को भी लाना होगा. मार्च के दूसरे सप्ताह में वह सीबीआइ के दफ्तर जायेंगे और चिटफंड में डूबे करोड़ों रुपये की बाबत जवाब तलब करेंगे. पैसे गबन करनेवाले नेताअों की उन्होंने सूची बनायी है. यह सूची भी सीबीआइ को सौंपी जायेगी. चिटफंड निवेशकों व एजेंट्स के सुरक्षा मंच के संयुक्त सचिव सुदीप्त शंकर घोष ने कहा कि राज्य सरकार ने हर समय चिटफंड घोटाले की जांच आदि को रोकने की कोशिश की है. सीबीअाइ जांच का भी उसने अदालत में विरोध किया था. जब तक मौजूदा सरकार नहीं हटेगी, तब तक निवेशकों को एक पैसा नहीं मिलनेवाला.

अशोक घोष की हालत बेहद गंभीर
कोलकाता. फॉरवर्ड ब्लॉक के वयोवृद्ध नेता अशोक घोष की हालत बुधवार शाम िबगड़ गयी. उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया है. अस्पताल सूत्रों के अनुसार, घोष की स्थिति काफी नाजुक है. उन्हें ब्रॉड स्पेक्ट्रम एंटी बायोटिक्स दवाओं पर रखा गया है. उनकी हालत पर चिकित्सकों की टीम लगातार नजर रख रही है. बुधवार शाम उन्हें देखने फारवर्ड ब्लाॅक के कई नेता अस्पताल पहुंचे थे. दो फरवरी को सांस संबंधी शिकायत के बाद उन्हें बाइपास स्थित एक निजी अस्पताल में भरती कराया गया.

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