।। अजय विद्यार्थी।।
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महंगें रेडीमेड गार्मेंट्स पर असर, कम कीमत वाले उत्पादों को राहत
।। अजय विद्यार्थी।। कोलकाता. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के बजट से वस्त्र उद्योग को निराशा हाथ लगी है. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 1000 रुपये या उससे अधिक के रेडिमेड गार्मेंट पर दो फीसदी इनपुट कर क्रेडिट या 12.5 फीसदी के साथ इनपुट टैक्सी क्रेडिट का प्रस्ताव किया है. विशेषज्ञों का कहना है […]
कोलकाता. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के बजट से वस्त्र उद्योग को निराशा हाथ लगी है. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 1000 रुपये या उससे अधिक के रेडिमेड गार्मेंट पर दो फीसदी इनपुट कर क्रेडिट या 12.5 फीसदी के साथ इनपुट टैक्सी क्रेडिट का प्रस्ताव किया है.
विशेषज्ञों का कहना है कि एक्साइज कर में वृद्धि का वस्त्र उद्योग के महंगे व ब्रांडेड उत्पादों पर प्रभाव पड़ेगा. लेकिन छोटे व मंझोले उत्पादकों पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा. बजट पर प्रतिक्रिया जताते हुए चैंबर ऑफ टेक्सटाइल ट्रेड एंड इंडस्ट्री (कोट्टी) के सचिव महेंद्र जैन ने कहा कि बजट व्यापार व उद्योग विशेष कर वस्त्र व्यवसायियों की आशाओं को पूर्ण करने में विफल रहा है. वस्त्र उद्योग बजट से कर में कुछ राहत की आशा कर रहा था.
यह क्षेत्र रोजगार व राजस्व उगाही का महत्वपूर्ण श्रोत है, लेकिन रेडीमेड गार्मेंट पर टैक्स बढ़ाने से भी इस पर बुरा प्रभाव पड़ेगा. नये अधिभार व सेवा कर में वृद्धि से मुद्रास्फीति बढ़ेगी. बजौरिया ट्रेडर्स के प्रोपराइटर्स विष्णु बाजौरिया ने बताया कि उन लोगों की केंद्रीय वित्त मंत्री से बहुत ही आशा थी. वस्त्र उद्योग पहले से ही मंदा चल रहा है.
इस स्थिति में वित्त मंत्री कुछ राहत देते या सुविधाओं की घोषणा करते तो इससे स्थिति और बाजार में सुधार आती. उन्होंने कहा कि इस बजट से लग रहा है कि मॉल व ऑनलाइन व्यवसाय को इससे राहत मिलेगी. बालाजी टेक्सटाइल्स के प्रोपराइटर्स अशोक अग्रवाल ने बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्री ने जो कर लगाने की घोषणा की है कि इससे बड़े निर्माताओं पर प्रभाव पड़ेगा, लेकिन छोटे व मंझोले तबके के वस्त्र निर्माताओं पर इसका ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा.
अरहम डाइंग एंड ब्लीचिंग प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक पारस पटौरी ने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा कर वृद्धि की घोषणा से ब्रांडेड उत्पादों पर असर पड़ेगा, लेकिन छोटे वस्त्र निर्माताओं पर इसका ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा. इस बजट में न ही उन पर कोई कर लगाये गये हैं और न ही कुछ राहत ही दी गयी है.
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