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बाउड़िया जूट मिल में श्रमिकों ने की तोड़फोड़

हावड़ा: प्रबंधन द्वारा बकाया बोनस देने से इनकार करने के बाद बौखलाये श्रमिकों ने मिल में जम कर उत्पात किया. श्रमिकों ने लेबर ऑफिस व लेबर ट्रेनिंग सेंटर में तोड़फोड़ करते हुए वहां रखे कागजात में आग लगा दी. मौके पर पहुंचे डिप्टी मजिस्ट्रेट सलमान हुसैन की कार पर हमला किया गया. हालात बेकाबू होते […]

हावड़ा: प्रबंधन द्वारा बकाया बोनस देने से इनकार करने के बाद बौखलाये श्रमिकों ने मिल में जम कर उत्पात किया. श्रमिकों ने लेबर ऑफिस व लेबर ट्रेनिंग सेंटर में तोड़फोड़ करते हुए वहां रखे कागजात में आग लगा दी. मौके पर पहुंचे डिप्टी मजिस्ट्रेट सलमान हुसैन की कार पर हमला किया गया. हालात बेकाबू होते देख पुलिस, रैफ व कमबैट फोर्स के जवान पहुंचे. घटना बाउड़िया नार्थ जूट मिल की है. माैके से तीन श्रमिकों को गिरफ्तार किया गया है. फिलहाल िमल में अचल िस्थति बरकरार है. वहां काम भी बंद है. बुधवार को एसडीओ कार्यालय में त्रिपक्षीय बैठक बुलायी गयी है. इसमें प्रबंधन व यूनियन के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
क्या है घटना
बाउड़िया नॉर्थ जूट मिल में 7000 श्रमिक कार्यरत हैं. यूनियन के मुताबिक नये केंद्रीय श्रम कानून के तहत श्रमिकों को 3500 रुपये बोनस मिल प्रबंधन द्वारा देने की बात है. मंगलवार सुबह मिल की छह यूनियनों के प्रतिनिधि व प्रबंधन के संग बोनस देने को लेकर बैठक हुई. बैठक बेनतीजा रही.
यूनियन प्रतिनिधियों के मुताबिक, प्रबंधन ने बोनस देने से इनकार कर दिया. बोनस नहीं देने की खबर सुबह 11 बजे बी शिफ्ट के श्रमिकों को मिली. बोनस नहीं मिलने की खबर मिलते ही श्रमिकों का गुस्सा फूट पड़ा. श्रमिकों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. यहीं से तनाव शुरू हुआ. प्रदर्शन करते-करते कुछ श्रमिक लेबर ऑफिस पहुंच गये व वहां रखे सारे सामान को तोड़ डाला. वहां से श्रमिक लेबर ट्रेनिंग सेंटर पहुंचे व वहां रखे कागजात को आग के हवाले कर दिया. खबर मिलते ही बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी पहुंचे, लेकिन स्थिति बेकाबू होते देख रैफ व अतिरिक्त फोर्स को मंगाना पड़ा. बाद में पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा. श्रमिकों ने भी पुलिस पर हमला बोल दिया. पूरा मिल परिसर रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. इस घटना में तीन पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. घटना की खबर मिलते ही मौके पर पहुंचे डिप्टी मजिस्ट्रेट सलमान हुसैन की कार पर भी हमला किया गया. हालांकि इस हमले में उन्हें चोट नहीं लगी है. खबर लिखे जाने तक मिल में सुरक्षा बढ़ा दी गयी है.
िकसने क्या कहा :
मिल में तोड़फोड़ की घटना निंदनीय है. यह निश्चित तौर पर श्रमिक विरोधी काम है. यह सही है कि बोनस को लेकर बैठक बेनतीजा रही. बावजूद इसके यूनियन की ओर से प्रबंधन को सात दिनों का अतिरिक्त समय दिया गया था. हिंसक घटनाओं को अंजाम देने से श्रमिकों का ही नुकसान होगा.
रवींद्र नाथ मंडल, इंटक जिलाध्यक्ष
श्रमिकों की मांग जायज है, लेकिन तोड़फोड़ करना गलत है. बोनस श्रमिकों का अधिकार है, लेकिन कानून हाथ मेें लेने का अधिकार उन्हें नहीं है.
पुलक सरकार, विधायक
विवाद का क्या है कारण
केरल हाइकोर्ट का स्थगनादेश : केंद्र सरकार ने जूट मिल मालिकों को 2016 के बोनस के साथ-साथ 2014-15 का बोनस देने का निर्देश जारी किया था. जूट मिल मालिकों ने हाइकोर्ट में इसे चुनौती दी. हाइकोर्ट ने इस पर स्थगनादेश लगा दिया. अब मिल मालिकों का कहना है कि वे कोर्ट के फैसले की समीक्षा कर रहे हैं.
जूट मिलों की आपसी प्रतिद्वंद्विता : अपने मिल मेें शांति बनाये रखने के लिए कुछ जूट मिलों में एडवांस के नाम पर नोटिस लगाया गया है, जबकि कुछ नहीं लगाये हैं. जूट मिलों के पास कच्चे माल हैं और वे चाहते हैं कि जूट के दाम गिरने से पहले कच्चे जूट का इस्तेमाल कर लें.

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