अतिथि शिक्षकों की संख्या काफी ज्यादा होने के बावजूद उन्हें मासिक रेमुनरेशन करीब तीन से चार हजार रुपये मिलते हैं. कहीं-कहीं तो प्रति कक्षा उन्हें 100 से 150 रुपये दिये जाते हैं, जबकि स्थायी शिक्षकों का मासिक वेतन करीब 40 हजार रुपये से 1.4 लाख रुपये भी है.
शिक्षकों को मिलनेवाली अन्य सुविधाओं के क्षेत्र में भी अतिथि शिक्षक महरूम हैं. दशा में सुधार की मांग को लेकर कई दफा शिक्षा विभाग के अधिकारियों से गुहार लगायी गयी, लेकिन फायदा नहीं हुआ है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की गयी है.