हालांकि पीड़ितों का आरोप है कि दमकल के देर पहुंचने के कारण ही आग ने भयावह रूप धारण कर लिया, जबकि दमकल विभाग का कहना है कि रास्ता काफी संकरा होने की वजह से घटनास्थल तक पहुंचने में काफी समय बरबाद हो गया.
जानकारी के अनुसार, रेल लाइन किनारे यहां कई वर्षों से झुग्गी- झोपड़ियां बनी हुई हैं. सुबह नौ बजे एक झोपड़ी में अचानक आग लग गयी. आग ने तुरंत भयावह रूप धारण कर लिया. एक-एक कर आग ने 30 से अधिक झोपड़ियों को अपनी चपेट में ले लिया. पीड़ितों को स्थानीय एक प्राथमिक विद्यालय में ठहराया गया है. डोमजूर के बीडीओ ने बताया कि प्रशासन की ओर से खाने की भी व्यवस्था की गयी है.