कोलकाता: बैंक एजेंट बन कर ग्राहकों से क्रेडिट कार्ड हासिल करके उससे सोने के गहने खरीदने का मामला सामने आया है. मामले में कोलकाता पुलिस के धोखाधड़ी विभाग की टीम ने हरिदेवपुर इलाके से दो युवकों को गिरफ्तार किया है.
आरोपियों के नाम जावेद इकबाल उर्फ राहुल साव (26) और अतनु भौमिक (26) बताये गये हैं. जावेद गार्डेनरीच के बिचाली घाट और अतनु हरिदेवपुर का रहनेवाला है. ये ग्राहकों से क्रेडिट कार्ड हासिल कर उनसे सोने के आभूषण की खरीददारी करते थे. हाल ही में हरिदेवपुर इलाके के निवासी अनीमेष चंद्र बनर्जी से उनके क्रेडिट कार्ड हासिल कर दोनों ने उनके कार्ड से 48 हजार रुपये की ज्वेलरी खरीदी थी. धोखाधड़ी की शिकायत मिलने के बाद शोरूम में लगे सीसीटीवी कैमरे की मदद से दोनों के चेहरे की शिनाख्त हुई.
कैसे देते थे वारदात को अंजाम
संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) पल्लव कांति घोष ने बताया कि जावेद और अतनु पहले विदेशी बैंकों में एजेंट का काम करते थे. वहां से काम छोड़ने के बाद उन्होंने यह धंधा शुरू कर दिया. उन्होंने बताया कि अधिक दिनों तक क्रेडिट कार्ड से लेन-देन बंद रखनेवाले ग्राहकों को वे अपना शिकार बनाते थे. खुद को बैंक का प्रतिनिधि बता कर ये उन ग्राहकों को फोन करते थे.
ज्यादा दिन तक कार्ड से लेन-देन बंद रखने पर ये अत्यधिक जुर्माना अदा करने का डर उन्हें दिखाते थे. अन्यथा कार्ड को सरेंडर कर बैंक को वापस करने पर सारी मुसीबत से छुटकारा पाने का राह भी दिखलाते थे. हरिदेवपुर इलाके में रहनेवाले अनीमेष चंद्र बनर्जी ने जावेद को अपना कार्ड सौंपा था. अगले दिन उन्हें उस कार्ड से 48 हजार रुपये की ज्वेलरी खरीदे जाने की जानकारी मिली. इसके बाद इसकी सूचना हरिदेवपुर थाने के अधिकारियों को दी गयी.
कैसे हुई गिरफ्तारी
श्री घोष ने बताया कि इस तरह की शिकायतें आने के बाद बैंक अधिकारियों को पुलिस की तरफ से इसकी सूचना दी गयी थी. साथ ही कार्ड सरेंडर को लेकर कोई भी जानकारी किसी ग्राहक द्वारा पूछे जाने पर उसकी खबर पुलिस को देने के बारे में उन्हें कहा गया था. इसी बीच किसी ग्राहक को इस गिरोह ने फिर जुर्माना देने का डर दिखा कर कार्ड सरेंडर करने की बात कही. उस ग्राहक ने समझदारी दिखाते हुए बैंक को सूचित किया. इसकी खबर पुलिस को दी गयी. जिसके बाद पुलिस ने जाल बिछा कर उन नकली बैंक एजेंट को घर बुलाया. वहां पहुंचते ही दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया. अदालत में पेश करने पर दोनों को 21 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. इस गिरोह में और भी लोगों के जुड़े होने का अंदेशा पुलिस को है. दोनों से पूछताछ के बाद उन आरोपियों तक पहुंचने की तैयारी पुलिस कर रही है.