हुगली : श्रीरामपुर की इंडिया जूट मिल में फिर से तालाबंदी कर दी गयी. शनिवार को इस तालाबंदी का कारण कच्चे माल का अभाव दर्शाया गया है. इस मिल में महीने भर के अंदर दूसरी बार तालाबंदी कर दी गयी. ज्ञात हो कि संजय कजोरिया की गोंदलपाड़ा जूट मिल पहले से ही बंद है.
इंडिया जूट मिल में तालाबंदी होने से स्थायी और अस्थायी मिलाकर लगभग पांच हज़ार मजदूर बेरोजगार हो गये हैं. गोंदलपाड़ामें भी पहले से ही लगभग पांच हज़ार मजदूर बेरोजगार हैं. मिल के प्रबंधन की ओर से जारी नोटिस में हालांकि इस तालाबंदी को अस्थायी कार्यस्थगन करार दिया गया और इसका कारण कच्चे जूट का अभाव तथा मजदूरों का गलत आचरण बताया गया है. इस मिल में बार-बार तालाबंदी होने से मजदूर काफी हताश हैं.
मिल की तृणमूल ट्रेड यूनियन के कार्यकरी अध्यक्ष अन्नोय चटर्जी का कहना है कि राज्य सरकार को नीचा दिखाने के उद्देश्य से मालिक ऐसा कर रहे हैं. मिल प्रबंधक द्वारा अस्थायी रूप से मिल को बंद किये जाने से आक्रोशित श्रमिकों ने गेट के बाहर प्रदर्शन किया. मिल के एक श्रमिक ने बताया कि मिल बंद किये जाने से पहले मिल प्रबंधक ने स्वीकृत सभी यूनियन नेताओं से बैठक कर फैसला लिया था कि मिल के कुछ विभाग में दो दिनों के लिए काम स्थगित किया जायेगा.
इस बात पर सभी श्रमिकों ने सहमति जतायी थी, परंतु अचानक मिल प्रबंधक ने शनिवार की तड़के चोरी-चुपके से मिल गेट पर अस्थायी कार्यस्थन का नोटिस लगा कर मिल को बंद कर दिया. गुस्साये श्रमिकों का कहना है कि मिल मालिक संजय काजरिया की जिले में तीन जूट मिलें हैं. वह एक मिल को बंद करते हैं,
तो दूसरी मिल को खोलते हैं. ऐसा कर वह श्रमिकों के साथ आंखमिचोली का खेल निरंतर खेलते रहते हैं. गौरतलब है कि एक नवंबर को मिल प्रबंधन ने बाजार में कच्चे माल की आपूर्ति का कम होना, श्रमिकों में अनुशासनहीनता, मिल में असामाजिक तत्वों के संगठित होने व मिल में मांग से कम उत्पादन होने का आरोप लगते हुए मिल को बंद कर दिया था, जिसके बाद श्रम मंत्री मलय घटक के कार्यालय में हुई बैठक के बाद सप्ताह भर के भीतर मिल को चालू किया गया था.