पिता के मंत्री होने के कारण उनका बेटा यहां मनमानी करता है. बाहर से मजदूरों को लाकर इन कारखानों में काम करवाते हैं. इलाके के लोग जान जोखिम में डालकर नाले की सफाई जैसे काम करने के लिए बाध्य हैं. मंत्री के बेटे अपनी मर्जी के मुताबिक गंदगी के बीच चमड़े के कारखानों को यहां चलने देने में मालिक की मदद करते हैं. विरोध करने पर झूठे मामलों में फंसा देने की धमकी देते हैं. इसके कारण इलाके के लोग चुपचाप यह सहन करने को मजबूर हैं.
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हादसा: नाले की सफाई के दौरान मिथेन गैस की चपेट में आये श्रमिक, बानतला लेदर कॉम्प्लेक्स में जहरीली गैस से 3 मरे
कोलकाता: दक्षिण 24 परगना के बानतला लेदर कॉम्प्लेक्स में निकासी नाले की सफाई के दौरान जहरीली गैस की चपेट में आने से सोमवार को पांच श्रमिक बीमार पड़ गये. गंभीर हालत में सभी को चित्तरंजन नेशनल मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने तीन श्रमिकों को मृत घोषित कर दिया. मृतकों में चंडी […]
कोलकाता: दक्षिण 24 परगना के बानतला लेदर कॉम्प्लेक्स में निकासी नाले की सफाई के दौरान जहरीली गैस की चपेट में आने से सोमवार को पांच श्रमिक बीमार पड़ गये. गंभीर हालत में सभी को चित्तरंजन नेशनल मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने तीन श्रमिकों को मृत घोषित कर दिया. मृतकों में चंडी प्रमाणिक, अमिय प्रमाणिक और अशोक मंडल शामिल हैं. एक श्रमिक की हालत नाजुक बतायी जा रही है. इस घटना से इलाके के लोगों और श्रमिकों में काफी रोष है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए लेदर कॉम्प्लेक्स में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.
क्या है घटना: स्थानीय लोगों ने बताया कि लेदर कॉम्प्लेक्स में दर्जनों कारखानों के अंदर से अनुपयोगी चमड़ा और केमिकल्स नाले के जरिये बाहर निकाला जाता है. इसी निकासी नाले की सफाई के लिए पांच श्रमिक सोमवार सुबह नाले में उतरे थे. अचानक सफाई करने के दौरान केमिकल और जहरीली मिथेन गैस की चपेट में आने से पांचों श्रमिक बीमार पड़ गये. अस्तपाल ले जाने पर तीन की मौत हो गयी. चिकित्सकों का कहना था कि बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था या ऑक्सीजन मास्क के नाले की सफाई करने के कारण ही मिथेन गैस उनके शरीर में घुसा, जिससे तीनों की मौत हो गयी.
दो से छह महीने में एक बार होती है सफाई: एक साथ तीन श्रमिकों की मौत की खबर के बाद अन्य श्रमिकों ने इलाके में काफी देर तक अवरोध कर विरोध प्रदर्शन किया. उनका आरोप था कि लेदर कॉम्प्लेक्स में असंख्य चमड़े के कारखाना है. यहां से अनुपयोगी चमड़े के अलावा अन्य केमिकल नाले के जरिये इन कारखानों से बाहर फेंका जाता है. दो से छह महीने में सिर्फ एक बार सफाई होती है. सफाई नहीं होने के कारण कारखाने के बाहर काफी दिनों तक पड़े रहने से चमड़ा सड़ जाता है. इसी के कारण गंदगी व बदबू से लोग अक्सर बीमार पड़ते रहते हैं.
तृणमूल सरकार के मंत्री व उनके बेटे पर लगा उदासीनता का आरोप: लेदर काॅम्प्लेक्स के आसपास के इलाकों की सफाई में लापरवाही बरतने को लेकर इलाके के लोगों ने दमकल मंत्री जावेद अहमद खान व उनके बेटे इमरान खान पर उदासीनता बरतने का आरोप लगाया है. लेदर कॉम्प्लेक्स इलाके में तृणमूल से पंचायत समिति के सदस्य विश्वजीत मंडल का आरोप है कि यहां दमकल मंत्री जावेद अहमद खान के बेटे इमरान खान का काफी प्रभाव है.
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