कोलकाता: बिहार चुनाव के पहले नीतीश कुमार को विजयी बनाने का आह्वान करनेवालीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का उनके शपथग्रहण समरोह में भाग लेने का कार्यक्रम खटाई में पड़ गया है. हालांकि इस संबंध में अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. सुश्री बनर्जी ने नीतीश की जीत पर बधाई दी थी तथा 20 नवंबर को उनका पटना जाना लगभग तय था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ समारोह में शामिल होने की खबरों के बाद सुश्री बनर्जी अपने निर्णय पर पुनर्विचार कर रही हैं.
इस संबंध में तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन का कहना है कि ममता बनर्जी शपथग्रहण समरोह में जायेंगी या नहीं, अभी यह निश्चित नहीं हुआ है. सुश्री बनर्जी ने चुनाव के पहले नीतीश को विजयी बनाने का आह्वान किया था. वे लोग भाजपा के खिलाफ महागंठबंधन का समर्थन करते हैं. दूसरी ओर, एक अन्य वरिष्ठ तृणमूल नेता का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ समारोह में शामिल होने की सूचना के बाद सुश्री बनर्जी अपना मन बदल रही हैं. अगले वर्ष के आरंभ में ही बंगाल में विधानसभा चुनाव है और चुनाव के ठीक पहले वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक मंच पर नहीं दिखना चाहती हैं, क्योंकि यह राज्य के अल्पसंख्यकों को नागवार गुजर सकता है.
राज्य की कुल जनसंख्या के लगभग 27 फीसदी अल्पसंख्यक हैं तथा जीत के लिए अल्पसंख्यकों का समर्थन बहुत ही जरूरी माना जाता है. हालांकि इस संबंध में जदयू के प्रवक्ता केसी त्यागी का कहना है कि उन लोगों ने किसी भी भाजपा नेता को शपथग्रहण समारोह में आमंंत्रित नहीं किया है.
उन लोगों ने भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ कर जीत हासिल की है और उन्हें अभी यह मालूम नहीं है कि प्रधानमंत्री शपथग्रहण समारोह में आ रहे हैं या नहीं. उन्होंने कहा कि वह 17 नवंबर को कोलकाता आ रहे हैं. वह चाहते हैं कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नीतीश कुमार के शपथग्रहण समारोह में शामिल हों, क्योंकि चुनाव के पहले और बाद में भी भाजपा के खिलाफ महागंठबंधन को सुश्री बनर्जी ने समर्थन किया था. वह कोलकाता आयेंगे और सुश्री बनर्जी से मुलाकात कर उन्हें आमंत्रण पत्र सौंपेंगे तथा उनसे आग्रह करेंगे कि वह शपथग्रहण समारोह में शामिल हों.