कोलकाता. बिहार चुनाव में भाजपा को मिली करारी हार के मद्देनजर तृणमूल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि इसके नेताओं को ‘‘अहंकार” छोड़ देना चाहिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने वादों को पूरा करना चाहिए, नहीं तो इसके बाद होनेवाले हर चुनाव में उन्हें हार का ही मुंह देखना होगा. नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से बिहार चुनाव से सीख लेने की अपील करते हुए वरिष्ठ तृणमूल नेता सुलतान अहमद ने कहा कि महागंठबंधन की जीत यह भी दिखाती है कि भारतीय राजनीति में ‘‘घृणा की राजनीति, असहिष्णुता और ध्रुवीकरण” अधिक दिन तक फलदायी नहीं रहेंगे. लोकसभा सांसद श्री अहमद ने कहा कि प्रधानमंत्री को पार्टी और संघ के ‘‘बड़बोले” नेताओं के खिलाफ जरूर बोलना चाहिए, जो भड़काउ बयान देते हैं.
श्री अहमद ने कहा कि बिहार के नतीजे यह दिखाते हैं कि घृणा, असहिष्णुता और ध्रुवीकरण का भारतीय राजनीति में कोई स्थान नहीं है. मोदी और शाह को इस नतीजे से सीख लेनी चाहिए और सत्ता के अहंकार को छोड़ना चाहिए.
उन्होंने कहा कि मोदी के लिए अपने वादों पर खरा उतरने का यही सही समय है, अन्यथा भाजपा इसके बाद होनेवाले हर चुनाव में हार जायेगी. बिहार ने उन्हें पाठ पढ़ाया है. उनका कहना था कि सांप्रदायिक ताकतों की हार के कारण भारत के लोगों के लिए इस साल दिवाली कुछ पहले ही आ गयी है. भारत जैसे देश में नेताओं को खुद को विनम्रता से पेश करना चाहिए. बंगाल में भाजपा ने कहा था, ‘भाग ममता भाग’ लेकिन अब यह ‘भाग भाजपा भाग’ हो गया है. नेताओं को ममता बनर्जी की तरह नम्र तरीके से व्यवहार करना चाहिए. श्री अहमद का यह भी कहना था कि भारत के लोगों को अहंकार पसंद नहीं है और हर बार जब भी राजनीतिक पार्टियों ने अकड़ दिखाने की कोशिश की है, भारत की जनता ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया और बिहार इसका जीता जागता उदाहरण है.