कोलकाता : सारधा घोटाले में राज्य के परिवहन मंत्री मदन मित्रा को गृहबंदी करने के अदालत के निर्देश के बावजूद गुरुवार को पुलिस ने उन्हें सुरक्षा घेरे में नहीं लिया. पुलिस की इस लापरवाही को मीडिया में कई बार दिखाया भी गया, इसके बावजूद पुलिस सुस्त दिखी. अदालत के निर्देश के अगले दिन यानी शुक्रवार सुबह उसकी प्रति भेजकर सीबीआइ ने पुलिस आयुक्त को इस निर्देश पर कार्रवाई करने को कहा.
इसके बाद पुलिस हरकत में आयी और लालबाजार में इमरजेंसी बैठक कर अस्पताल के अंदर व बाहर मंत्री पर निगरानी के सिलसिले में तीन शिफ्ट में कड़ा पहरा बिठाया गया. हालांकि लालबाजार के वरिष्ठ अधिकारी पुलिस पोस्टिंग में देरी होने के आरोप को अस्वीकार कर रहे हैं.
पत्र में सीबीआइ ने पुलिस से क्या कहा
कोलकाता पुलिस सूत्रों के मुताबिक सीबीआइ की तरफ से शुक्रवार सुबह आयुक्त सुरजीत कर पुरकायस्थ को एक पत्र भेजा गया. पत्र के साथ गुरुवार को कलकत्ता हाइकोर्ट के आदेश की काॅपी भी संलग्न थी. पत्र में कहा गया कि परिवहन मंत्री जिस अस्पताल में भरती हैं, उस अस्पताल के अंदर व बाहर पुलिस की तैनाती व उन पर सर्विलेंस रखने के बारे में उचित कदम उठाये जायें.
क्या कहती है कोलकाता पुलिस
कोलकाता पुलिस के विशेष अतिरिक्त व संयुक्त आयुक्त (मुख्यालय) राजीव मिश्रा ने बताया कि सीबीआइ के पत्र का जवाब दे दिया गया है. जवाब में कहा गया है कि अदालत के ऑर्डर की कॉपी मिलने के साथ ही मदन मित्रा के अस्पताल के अंदर व बाहर किस तरह से पुलिस की तैनाती की जायेगी, इसे लेकर लालबाजार में बैठक की गयी. पुलिस ने दावा किया कि गुरुवार रात से ही मदन मित्रा के अस्पताल के अंदर व बाहर निगरानी रखी जा रही है. तीन शिफ्ट में 24 घंटे पोशाक के अलावा सफेद लिबास में भी पुरुष के साथ महिला पुलिस की वहां तैनाती की गयी है. मंत्री पर निगरानी रखने में देर करने का उन पर जो आरोप लगाया जा रहा है वह बेबुनियाद है.
छुट्टी देने पर अस्पताल को पुलिस को देनी होगी सूचना
दक्षिण कोलकाता के जिस अस्पताल में मदन मित्रा भरती है, वहां के प्रबंधन को पुलिस की तरफ से उन्हें छुट्टी देने के पहले पुलिस को इसकी जानकारी देने को कहा गया है. मंत्री के घर पहुंचते ही उनके घर लौटने पर घर के आसपास की कैसी सुरक्षा व्यवस्था होगी, इस पर भी निर्णय ले लिया गया है.