कोलकाता. सारधा मामले में गिरफ्तार होने के बाद अपनी विभिन्न मांगों को लेकर तृणमूल कांग्रेस से निलंबित राज्यसभा सांसद कुणाल घोष 27 दिन से लगातार अनशन पर हैं.
इस कारण उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही है. इसी के कारण शुक्रवार को सारधा मामले की सुनवाई में वह अलीपुर कोर्ट में हाजिर नहीं हो सके. इस दिन सुदीप्त सेन व देबयानी मुखर्जी अदालत में मौजूद थे. अदालत सूत्रो के मुताबिक इस दिन कुणाल के वकील ने सीबीआइ पर उनके मुवक्किल को बेवजह जेल में अटकाये रखने का आरोप लगाया. सीबीआइ के वकील का आरोप था कि सारधा रियल्टी व सारधा टूर एंड ट्रैवल्स के मामले में कुणाल घोष को सीबीआइ ने गिरफ्तार किया है, लेकिन एक मामले में जमानत मिलने के बावजूद दूसरे मामले में उनके मुवक्किल को फंसाये रखने का सीबीआइ का यह हथकंडा काफी बेबुनियाद है.
इसी के आरोप में जेल में कुणाल घोष लगातार अनशन कर रहे हैं. वहीं सीबीआइ के वकील ने कहा कि कुणाल घोष पर दर्ज दोनों मामले अलग महत्व के हैं. इसके कारण उन्हें जेल में रखा गया है. दोनों पक्ष की बातों को सुनने के अलावा कुणाल घोष के आरोपों पर सुनवाई 20 नवंबर को करने का अदालत ने निर्णय लिया. वहीं कुणाल घोष के अनशन को लेकर इस दिन अदालत ने प्रेसिडेंसी जेल के अधीक्षक को रिपोर्ट जमा देने का भी निर्देश दिया है.