कोलकाता: कलकत्ता हाइकोर्ट ने करोड़ों रुपये के सारधा चिटफंड घोटाले के आरोपी राज्य के परिवहन मंत्री मदन मित्रा को गुरुवार को निर्देश दिया कि वह तब तक पुलिस की निगरानी में नजरबंद रहेंगे, जब तक कि उनकी जमानत रद्द करने के संबंध में सीबीआइ की याचिका का निस्तारण नहीं कर दिया जाता.
हाइकोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि मदन मित्रा एक कैबिनेट मंत्री हैं और अगर उन्हें आजाद रहने की अनुमति दी गयी तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. गुरुवार को हाइकोर्ट में न्यायाधीश जयमाल्य बागची और न्यायाधीश मीर दारा शेखों की पीठ ने यह टिप्पणी करते हुए निर्देश दिया कि मदन मित्रा अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद दक्षिण कोलकाता के भवानीपुर में अपने आवास में नजरबंद रहेंगे.
खंडपीठ ने इस तथ्य पर गौर किया कि मित्रा फिलहाल एक निजी अस्पताल में भरती हैं. पीठ ने निर्देश दिया कि अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद उन्हें अपने आवास पर ले जाया जायेगा और तब तक वह अपने आवास से बाहर नहीं निकलेंगे, जब तक कि कोई चिकित्सीय आपात स्थिति नहीं हो या सीबीआइ को जांच के लिए उनकी आवश्यकता नहीं हो. अवकाशकालीन पीठ ने सीबीआइ के वकील की इन दलीलों का संज्ञान लिया कि अलीपुर की अदालत ने जल्दबाजी में उन्हें जमानत दी और कहा कि मामले पर गुण-दोष के आधार पर और एक नियमित पीठ और खासतौर पर उसे करनी चाहिए जिसने पहले उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई की थी.
सीबीआइ ने हाइकोर्ट में याचिका देकर परिवहन मंत्री की जमानत रद्द करने की अपील की है. सीबीआइ के वकील के राघव चार्युलू ने पीठ के समक्ष कहा कि सीआरपीसी की धारा 439 के तहत सत्र अदालत (सेशन कोर्ट) को जमानत पर सुनवाई के पहले लोक अभियोजक को नोटिस देना चाहिए था. उन्होंने दावा किया कि सीबीआइ के वकील को इस तरह का कोई नोटिस नहीं दिया गया और मित्रा को जमानत देने का आदेश अवैध है. हाइकोर्ट में फिलहाल अवकाश है और दोबारा 16 नवंबर को खुलेगा.
दो सदस्यीय पीठ ने मित्रा के वकील को सीबीआइ की प्रार्थना पर 13 नवंबर तक जवाब दाखिल करने को कहा. सीबीआइ मदन मित्रा के हलफनामे पर 17 नवंबर तक जवाबी हलफनामा दायर करेगी. पीठ ने निर्देश दिया कि मामला 17 नवंबर को सुनवाई के लिए नियमित पीठ के समक्ष आयेगा और उसी दिन इसकी सुनवाई की जायेगी.
आस्दा ग्रुप के चार निदेशक गिरफ्तार
कोलकाता. सीबीआइ ने गुरुवार को चिटफंड कंपनी आस्दा के चार निदेशकों नबारुण दत्ता, जसीम हुसैन, जशमीर हुसैन और अजगर अली को निवेशकों से धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. जांच एजेंसी के मुताबिक आरोपियों ने कंपनी के अन्य दो निदेशकों के साथ मिलकर बाजार से 1500 करोड़ रुपये जुटाये. जांच एजेंसी ने हाल में आस्दा ग्रुप के खिलाफ एफआइआर दर्ज किया था. ग्रुप के कई ठिकानों पर छापेमारी हुई थी. पुख्ता सुबूत के आधार पर चार निदेशकों को गुरुवार को गिरफ्तार कर िलया गया.