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फिर शुरू होगी पास-फेल प्रथा!
कोलकाता: कक्षा आठ तक पास-फेल की प्रथा को राज्य सरकार एक बार फिर से शुरू करना चाहती है. हालांकि केंद्र सरकार के नियम के अनुसार, कक्षा आठ तक किसी भी छात्र को फेल नहीं किया जा सकता. पूरे देश में यह नियम लागू है. लेकिन राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि तृणमूल […]
कोलकाता: कक्षा आठ तक पास-फेल की प्रथा को राज्य सरकार एक बार फिर से शुरू करना चाहती है. हालांकि केंद्र सरकार के नियम के अनुसार, कक्षा आठ तक किसी भी छात्र को फेल नहीं किया जा सकता. पूरे देश में यह नियम लागू है. लेकिन राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस अपने फैसले पर अडिग है और वह हर हाल में पास-फेल की प्रथा को फिर से शुरू करना चाहती है. इस संबंध में एक-दो दिन के अंदर ही राज्य सरकार अपना फैसला सुना सकती है. केंद्र सरकार ने नयी शिक्षा नीति लाने का फैसला किया है और इससे पहले पास-फेल की प्रथा को लेकर फिर से बहस शुरू हो गयी है.
गौरतलब है कि सेंट्रल एडवाइजरी बोर्ड ऑफ एजुकेशन की बैठक में देश के 20 राज्यों के शिक्षा मंत्री ने मौखिक रूप से फिर से पास-फेल की प्रथा को शुरू करने की सिफारिश की है. अब इस संबंध में केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से लिखित रूप में बयान मांगा है.
संसदीय सचिव का भत्ता बरकरार रखने की अपील
कोलकाता. विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने राज्य के गृह विभाग के विशेष सचिव से फोन पर बातचीत की. उन्होंने संसदीय सचिव का पद व भत्ता बरकरार रखने निर्देश दिया है. उल्लेखनीय है कि जून से 23 संसदीय सचिवों को भत्ता नहीं मिल रहा है. उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय ने संसदीय सचिव का पद खारिज कर दिया है. उसके बाद राज्य सरकार ने इस मामले की सर्वोच्च न्यायालय में अपील की है. मामला फिलहाल विचाराधीन है. चूंकि मामला विचाराधीन है, इसलिए अध्यक्ष ने विशेष सचिव से संसदीय सचिव को मिलनेवाले भत्ते व अन्य सुविधाओं को बरकरार रखने की अपील की है.
विस अध्यक्ष को भाजपा का ज्ञापन
कोलकाता. भाजपा मानवाधिकार सेल की ओर से राज्य विधानसभा के स्पीकर विमान बनर्जी को एक ज्ञापन दिया गया है. यह ज्ञापन सेल के राज्य संयोजक भास्कर भट्टाचार्य ने दिया है. इसमें कहा गया है कि आसनसोल के विधायक सोहराब अली को आसनसोल अदालत की ओर से लोहा चोरी मामले में दो वर्ष की सजा सुनायी गयी है, लेकिन अभी भी उन्हें विधायक पद से हटाया नहीं गया है. समाचार पत्रों से पता चला है कि विधानसभा में इस मामले को उठाया गया था, लेकिन जानबूझ कर इसे विलंबित किया जा रहा है, क्योंकि ऐसा कहा गया है कि आपको निर्देश की कॉपी हासिल नहीं हुई है. ऑर्डर आठ सितंबर को दिया गया था, लेकिन 20 दिनों बाद भी यह नहीं मिला है. इस आधुनिक युग में यह आम लोगों को विश्वसनीय नहीं लगता. लिहाजा पत्र की तिथि के तीन दिनों के भीतर सोहराब अली के खिलाफ तत्काल कार्रवाई का वह अनुरोध करते हैं, अन्यथा कानून के मुताबिक कदम उठाया जायेगा.
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