विमान हादसे में नेताजी की मौत से जुड़े रहस्यों पर से परदा हटाने के लिए जर्मनी में रह रहीं प्रख्यात अर्थशास्त्री अनीता ने जापान के रेनकोजी मंदिर में रखी उन अस्थियों की डीएनए जांच कराने की भी मांग की, जिसके बारे में माना जाता है कि वह नेताजी की है.
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हो खुलासा: अब नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी ने की केंद्र सरकार से मांग सार्वजनिक करें गुप्त फाइलें
कोलकाता: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से केंद्र के पास मौजूद नेताजी से संबंधित गोपनीय फाइलें सार्वजनिक करने की अपील की है, जिससे उनके लापता होने के पीछे बना रहस्य खत्म हो. पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से नेताजी पर हाल में 64 गोपनीय फाइलें जारी करने पर 72 वर्षीय […]
कोलकाता: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से केंद्र के पास मौजूद नेताजी से संबंधित गोपनीय फाइलें सार्वजनिक करने की अपील की है, जिससे उनके लापता होने के पीछे बना रहस्य खत्म हो. पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से नेताजी पर हाल में 64 गोपनीय फाइलें जारी करने पर 72 वर्षीय अनीता बोस फाफ ने कहा कि उन्हें अभी दस्तावेजों की प्रतियां नहीं मिली हैं.
उन्होंने कहा कि इसलिए वह विषयवस्तु से अवगत नहीं हैं खासकर उनकी मौत के बारे में कोई सूचना नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करती हूं कि केंद्र के पास जो फाइलें है उसे सार्वजनिक किया जाये. केंद्र सरकार के विभागों में बंद नेताजी की फाइलों को जारी करने की मांग के समर्थन में आते हुए अनीता ने कहा कि एक स्कॉलर होने के नाते निश्चित तौर पर उनका मानना है कि 30 साल से ज्यादा समय से जिन फाइलों को बंद कर रखा गया है, वे सार्वजनिक होनी चाहिए. एक बेटी होने के नाते निश्चित तौर पर वह यह भी मांग करेंगी कि उनके पिता से संबंधित फाइलें सार्वजनिक होनी चाहिए. बोस परिवार के सदस्य, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कई अन्य शख्सियतें केंद्र से नेताजी की फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या वह ब्रिटिश, रूसी और जापानी सरकारों से नेताजी पर फाइलों को सार्वजनिक करने की अपील करेंगी, अनिता ने कहा कि यह मददगार होगा, अगर भारत सरकार अन्य सरकारों से अध्ययन के लिए फाइलें उपलब्ध कराने को कहती है. कुछ देशों में ‘सूचना का अधिकार’ है. हालांकि, जब तक भारत सरकार अपनी फाइलों को सार्वजनिक नहीं करती है, उन सबको कुछ कहने का आधार नहीं बनता.
वह मानती हैं कि अगस्त 1945 में ताइवान के ताईहोकू एयरपोर्ट में विमान दुर्घटना में उनकी मौत हो गयी, जब तक कि कुछ दूसरा तथ्य साबित नहीं हो जाता. उन्होंने कहा कि अस्थियों से रहस्य पर से पर्दा हटाने में मदद मिल सकती है. उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर वह चाहेंगी कि रहस्य’ सुलझे. रेनकोजी मंदिर में रखी अस्थियों की डीएनए जांच के लिए भारत और जापान सरकार के बीच समझौते से निश्चित तौर पर मदद मिलेगी. अनिता ने आरोप लगाया कि पूर्व की कांग्रेस सरकारों ने बोस और उनकी आजाद हिंद फौज (आईएनए) के योगदानों को नजरंदाज किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकारों ने नेताजी और आइएनए के योगदानों को नजरंदाज किया. मुखर्जी आयोग को काफी समय व कम संसाधन दिया गया, हालांकि लगता है कि उन्हें थोड़ा ही समर्थन मिला.
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