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हावड़ा नगर निगम उपचुनाव : वार्ड 61 में कांटे की टक्कर

हावड़ा. हावड़ा नगर निगम के 16 वार्डों में होने जा रहे उपचुनाव की सरगरमी अपने चरम पर है. यहां के 61 नंबर वार्ड में रोमांचक मुकाबला होने की उम्मीद है. वार्ड की विभिन्न जगहों पर प्रत्याशियों के बैनर व पोस्टर छाये हुए हैं. यह वार्ड पूरी तरह से हिंदी बहुल्य क्षेत्र है. यहां 90 फीसदी […]

हावड़ा. हावड़ा नगर निगम के 16 वार्डों में होने जा रहे उपचुनाव की सरगरमी अपने चरम पर है. यहां के 61 नंबर वार्ड में रोमांचक मुकाबला होने की उम्मीद है. वार्ड की विभिन्न जगहों पर प्रत्याशियों के बैनर व पोस्टर छाये हुए हैं. यह वार्ड पूरी तरह से हिंदी बहुल्य क्षेत्र है. यहां 90 फीसदी मतदाता हिंदीभाषी हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए सभी प्रमुख दलों ने यहां से हिंदी भाषी को प्रत्याशी बनाया है.

प्रत्येक प्रत्याशी का दावा है कि उनकी जीत पक्की है, लेकिन यह इतना आसान नहीं होनेवाला है. बाली नगरपालिका का हावड़ा नगर निगम में विलय होने के बाद वार्ड नंबर 24 व 25 को जोड़ कर वार्ड नंबर 61 में तब्दील किया गया है. तृणमूल कांग्रेस से यहां राजीव थमन को टिकट मिला है, जबकि भाजपा ने विनय कुमार अग्रवाल के हाथों अपनी कमान सौंपी है. मतदाताओं की माने तो मुकाबला यहां तृणमूल व भाजपा के बीच होगी. वाममोरचा से चंद्रशेखर झा को तीसरी बार जिम्मेवारी सौंपी गयी है. वर्ष 2005 व 2010 में श्री झा विजयी रहे थे. इस दफा भी पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस से संजीव बंसल खड़े हुए हैं. वाममोरचा प्रत्याशी श्री झा को छोड़ बाकी तीनों प्रत्याशी पहली बार चुनावी मैदान में उतरे हैं.

क्या है समस्या
वार्ड नंबर 24 मुख्यत बस्ती इलाका है. यहां पेयजल व बारिश के दिनों में जल-जमाव बड़ी समस्या बन कर उभरती है. स्ट्रीट लाइट नहीं होने से रात को लोगों की परेशानी दोगुनी हो जाती है. लोगों का कहना है कि लंबे समय तक यहां वाममोरचा का शासन रहा, लेकिन बस्तीवासियों के लिए आज भी वही समस्या बनी हुई है. उम्मीद है कि जीत कर आने वाले प्रत्याशी हम बस्तीवासियों पर अपनी मेहरबानी जरूर करेंगे. वहीं वार्ड नंबर 25 में बड़े-बड़े आवासीय भवन हैं. इस वार्ड में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात के लोगों की संख्या सबसे अधिक है. यहां के लोगों की मुख्य समस्या पेय जल व बदहाल सड़के हैं. यहां के मतदाताओं ने कहा कि हावड़ा नगर निगम में विलय होने के बाद भरोसा है कि इस क्षेत्र में विकासमूलक कार्य होंगे.
क्या कहते हैं उम्मीदवार
यहां के कार्यकर्ता ही नहीं, बल्कि जनता भी हमारे साथ हैं. टिकट बटवारे को लेकर यहां तृणमूल कार्यकर्ताओं के बीच कोई विवाद नहीं है. मैं अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हूं. यहां भाजपा का कोई आधार नहीं है. दूसरी जगहों से आकर यहां भाजपा कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटती है, लेकिन इससे जनता पर कोई असर नहीं पड़ेगा. वार्ड की जनता मुझे जानती है. कुछ इलाकों में पानी की समस्या है, जिसे दूर करना मेरी प्राथमिकता होगी.
-राजीव थमन, तृणमूल उम्मीदवार
बंगाल में तृणमूल की लहर नहीं है, बल्कि गुंडागरदी है. लहर तो भाजपा की है. पिछले लोकसभा चुनाव के परिणाम इस अंचल से इस बात का ज्वलंत उदाहरण है. अगर बूथ लूटे नहीं गये, तो मेरी जीत शत-प्रतिशत तय है. मैं पिछले 30 वर्षों से यहां का बाशिंदा हूं. यहां के लोग मुझे जानते हैं. वाममोरचा के शासनकाल में सिर्फ लूट हुई है. सफाई व पेयजल की आपूर्ति कराना मेरी पहली प्राथमिकता होगी.
-विनय कुमार अग्रवाल, भाजपा प्रत्याशी
वर्ष 2005 व 2010 में मैं भाकपा से दो बार विजयी रहा हूं. मैंने लोगों के लिए 10 वर्षों तक काम किये हैं. यहां की जनता मुझे करीब से जानती है. निष्पक्ष मतदान होने से मेरी जीत तय है.
-चंद्रशेखर झा, वाममोरचा प्रत्याशी
मेरी लड़ाई तृणमूल प्रत्याशी से है. मैंने यहां की जनता के लिए कई आंदोलन किये हैं. यही वजह है कि मैं अपनी जीत को लेकर आशावादी हूं. निष्पक्ष ढंग से मतदान होने की जरूरत है. यहां सड़क, पेयजल, निकासी जैसी तमाम बुनियादी सुविधाओं का अभाव है.
-संजीव बंसल, कांग्रेस प्रत्याशी

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