याचिका में आरोप लगाया गया है कि हावड़ा सहित कई अन्य स्थानों पर निगम या नगरपालिका द्वारा टोटो के लिए मंजूरी दी जा रही है. याचिका में कहा गया है कि ऐसी मंजूरी देना अवैध है.
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ई-रिक्शा के लिए कहा था कि रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑथोरिटी (आरटीए) को इसके लिए लाइसेंस देने के लिए कहा था. राज्य सरकार ने 2015 के 27 अप्रैल को एक विज्ञप्ति भी जारी की थी, लेकिन आरोप है कि इसके बाद भी शुल्क के एवज में नगरपालिकाएं टोटो के लिए मंजूरी दे रही थीं. खंडपीठ ने टिप्पणी की कि नगरपालिका क्या केंद्र सरकार से अधिक अधिकार रखती है? लिहाजा खंडपीठ ने पुलिस को कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया है.