दुर्व्यवहार किये जाने से भी हुई आहत
न्याय के लिए पहुंची एसपी के पास
पुलिस अधीक्षक ने आरोपी अफसर से मांगा जवाब
मालदा. मोथाबाड़ी पुलिस आउटपोस्ट में एक शिकायत दर्ज कराने गयी महिला से मामले की जांच के लिए ओसी द्वारा 50 हजार रुपये घूस मांगने का मामला सामने आया है. सिर्फ यही नहीं, ओसी पर उस पीडि़त महिला के साथ दुर्व्यवहार किये जाने का भी आरोप लगा है. इस घटना के खिलाफ 30 वर्षीया शिउली मंडल ने मालदा पुलिस अधीक्षक के पास लिखित शिकायत दर्ज करायी है. जिला पुलिस अधीक्षक प्रसून बनर्जी ने आरोपी ओसी से पूरी घटना का जवाब मांगा है.
क्या है मामला : प्रसून बनर्जी ने बताया कि मोथाबाड़ी आउटपोस्ट अंतर्गत गंगाप्रसाद गांव की एक महिला ने मोथाबाड़ी आउटपोस्ट के ओसी के खिलाफ घूस मांगने व दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है. उन्होंने मामले की जांच का आश्वासन दिया है. इधर, शिउली मंडल का कहना है कि उसका पति रतन मंडल डेढ़ साल पहले किडनी की बीमारी से पीिड़त होकर मर गया था. इसके बाद उसके देवर विकास मंडल के साथ शिउली का शारीरिक संबंध बना. बाद में शिउली गर्भवती हो गयी, लेकिन देवर विकास मंडल ने उसे पत्नी के रूप में स्वीकार नहीं किया और ससुराल से खदेड़ दिया. शिउली ने एक कन्या संतान को जन्म दिया. साढ़े तीन महीने पहले महिला की शिकायत के आधार पर विकास को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. तीन महीने तक जेल में रहने के बाद सबूत के अभाव मंे विकास को जमानत पर रिहा कर दिया गया.
शिउली का कहना है कि जेल से छूटने के बाद से विकास मंडल शिउली पर उसके खिलाफ दर्ज मामले को वापस लेने के लिए लगातार धमकी व दबाव दे रहा है. शिउली मंडल ने बताया कि आरोपी देवर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई में इतनी देर क्यों हो रही है, यह जानने के लिए बीते शनिवार को को वह मोथाबाड़ी आउटपोस्ट के अफसर इंचार्ज के साथ मुलाकात के लिए गयी थी. उस अफसर से मामले के बारे में पूछने पर उसने कहा कि 50 हजार रुपये नहीं देने पर कुछ नहीं बताया जायेगा.
रुपये मांगने का प्रतिवाद करने पर अफसर ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया. न्याय के लिए बाध्य होकर वह पुलिस अधीक्षक के पास शिकायत दर्ज कराने पहुंची. दूसरी ओर, मोथाबाड़ी आउटपोस्ट के ओसी देबु चक्रवर्ती ने बताया कि इस तरह की कोई घटना नहीं घटी है. उन्होंने कहा कि महिला उन पर गलत आरोप लगा रही है. उन्होंने कहा कि महिला के शिकायत के आधार पर ही उसके देवर को गिरफ्तार किया गया था. उसे तीन महीने की सजा भी हुई थी. मामला अब अंतिम चरण पर है, लेकिन अचानक शिकायतकारी महिला ने उनके खिलाफ क्यों झूठा आरोप लगा रही है, समझ में नहीं आ रहा है.