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हुगली में बाढ़ की स्थिति में कोई सुधार नहीं, कई क्षेत्र डूबे

हुगली : बंगाल की खाड़ी से उठनेवाले कोमेन चक्र वात के थमने के 72 घंटे बाद भी हुगली में बाढ़ की स्थिति जस की तस है. हुगली के जंगीपाड़ा, आरामबाग, खानाकुल, गोघाट, पुरसुड़ा, हरिपाल, सिंगूर, बालागढ़ के अधिकतर ग्रामीण इलाके बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं. लोग अब भी राहत और बचाव कार्य के […]

हुगली : बंगाल की खाड़ी से उठनेवाले कोमेन चक्र वात के थमने के 72 घंटे बाद भी हुगली में बाढ़ की स्थिति जस की तस है. हुगली के जंगीपाड़ा, आरामबाग, खानाकुल, गोघाट, पुरसुड़ा, हरिपाल, सिंगूर, बालागढ़ के अधिकतर ग्रामीण इलाके बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं.
लोग अब भी राहत और बचाव कार्य के लिए बने सेवा शिविरों में शरण लिये हुए हैं.
सरकार की ओर से जो शिविर लगाये गये हैं, उस संबंध में काफी शिकायतें भी मिल रही हैं. हरिपाल के बेड़ाबेड़ी गांव में रहनेवालों का आरोप है कि उनके लिए उचित समय पर पर्याप्त भोजन व जल की व्यवस्था नहीं की जा रही है.
हालांकि राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के हरिपाल व सिंगूर दौरे के बाद से स्थिति में थोड़ा बदलाव आया है. राज्य के मंत्री बेचाराम मन्ना खुद राहत कार्य में दिलचस्पी ले रहे हैं. भाजपा के जिला उपाध्यक्ष स्वपन पाल और कांग्रेस के नेता अब्दुल मन्नान शिविरों के संबंध में शिकायतें कर रहे हैं. अब्दुल मन्नान ने सोशल मीडिया पर भी अपनी आवाज बुलंद की है.
वहीं, तृणमूल कांगेस के जिला अध्यक्ष तपन दासगुप्ता इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि शिविरों में रह रहे लोगों को खाने-पानी और दवा तक मुहैया करायी जा रही है. डीवीसी से पानी लगातार छोड़े जाने से अब भी कई नदियों का जल स्तर बढ़ा हुआ है. उनमें दामोदर, कुंती, घिया कुंती, शीलवती आदि का नाम उल्लेखनीय है.

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