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हमेशा सकारात्मक चिंतन रखना चाहिए : साध्वी त्रिशला कुमारी
हावड़ा : श्याम गार्डेन में रविवारीय प्रवचन में आचार्य महाश्रमणजी की विदुषी सुशिष्या साध्वी त्रिशला कुमारीजी के सान्निध्य में आयोजित किया गया. शुभारंभ महिला मंडल ने मंगलाचरण से किया. कन्या मंडल की प्रभारी अलका सुराणा व संयोजिका तृप्ति सुराणा ने गुरुदेव के सान्निध्य में हुए अधिवेशन की जानकारी दी. साध्वी पुनीत प्रभाजी ने भीतर की […]
हावड़ा : श्याम गार्डेन में रविवारीय प्रवचन में आचार्य महाश्रमणजी की विदुषी सुशिष्या साध्वी त्रिशला कुमारीजी के सान्निध्य में आयोजित किया गया. शुभारंभ महिला मंडल ने मंगलाचरण से किया.
कन्या मंडल की प्रभारी अलका सुराणा व संयोजिका तृप्ति सुराणा ने गुरुदेव के सान्निध्य में हुए अधिवेशन की जानकारी दी. साध्वी पुनीत प्रभाजी ने भीतर की अज्ञानता हटाने पर जोर देते हुए त्याग तपस्या से स्वयं को जोड़ने की बात कही. साध्वी श्री रश्मि प्रभाजी ने सुमधुर गीत प्रस्तुत किया.
साध्वी श्री कल्पयशाजी ने कहा कि व्यक्ति को हमेशा सकारात्मक चिंतन रखना चाहिए. चातुर्मास संयोजक बुधमल लुनिया ने श्रवक-श्रविकाओं को चातुर्मासिक व्यवस्थाओं से अवगत कराया. साध्वी श्री त्रिशला कुमारीजी ने अपने मंगल उदबोधन में कहा कि व्यक्ति हर तरह से सुखी बनना चाहता है परंतु सुखी रहने के सूत्र नहीं जानता.
अत: सुखी रहने के उपायों को जानना जरूरी है. उन्होंने फरमाया कि व्यक्ति को अपने भीतर की घड़ी को देखना चाहिए. वाह्य घड़ी से सुख नही मिल सकता. उन्होंने अग्रेंजी में घड़ी (वॉच) शब्द का विश्लेषण बताया. संचालन सभा के मंत्री राकेश संचेती ने किया.
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