कोलकाता: अब राजनीति का असर पश्चिम बंगाल की सबसे प्रचलित दुर्गापूजा में दिखने लगा है. महानगर में प्रत्येक वर्ष मोहम्मद अली पार्क में यूथ एसोसिएशन की ओर से दुर्गापूजा का आयोजन किया जाता है.
आम तौर पर हर वर्ष चतुर्थी के दिन ही इसके पूजा मंडप का उदघाटन किया जाता है. मंगलवार को यहां के पूजा मंडप का उदघाटन किया गया, लेकिन उदघाटन समारोह में राजनीति साफ देखने को मिली. पूजा के आयोजक क्षेत्र के स्थानीय व्यवसायी एवं समाजसेवी हैं, जबकि इस पूजा कमेटी के चेयरमैन तृणमूल के पूर्व विधायक हैं. पूजा मंडप के उदघाटन में एक अलग तरह की राजनीति देखने को मिली.
इस बार पूजा मंडप का उदघाटन केंद्रीय कोयला मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्रीप्रकाश जायसावल ने किया. साथ ही मौके पर कई कांग्रेसी नेता उपस्थित थे, लेकिन आमंत्रित तृणमूल के सांसद, राज्य सरकार के मंत्री अथवा तृणमूल के किसी हैवीवेट नेता को उदघाटन के मौके पर नहीं देखा गया. एक विधायक एवं इक्के-दुक्के तृणमूल नेताओं को छोड़ कोई नहीं दिखा. उधर, सबसे दिलचस्प बात यह कि पूजा कमेटी द्वारा दो अलग-अलग दिनों में उदघाटन समारोह का कार्ड छपवाया गया था. एक कार्ड में श्रीप्रकाश जायसवाल का नाम उदघाटनकर्ता के रूप में मंगलवार को उदघाटन करने का जिक्र है, जबकि दूसरे कार्ड में बुधवार को राज्यपाल एमके नारायणन के उदघाटन करने का जिक्र है. मंगलवार को आमंत्रित सांसद एवं मंत्री का नाम बतौर अतिथि अंकित है.
उधर, बुधवार को राज्यपाल एमके नारायणन द्वारा पूजा के दोबारा उदघाटन करने के संबंध में कमेटी के सब चेयरमैन दिनेश बजाज से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि पूजा का उदघाटन मंगलवार को हो गया है. हमनें राज्यपाल से उदघाटन समारोह में आमंत्रित होने का अनुरोध किया था, तो राज्यपाल ने आज न होकर बुधवार को आकर मंडप में दीप प्रज्वलित करने का आश्वासन दिया है.
बुधवार को राज्यपाल द्वारा मंडप का दुबारा उदघाटन नहीं होगा. दूसरे कार्यक्रम में उदघाटनकर्ता राज्यपाल हैं, भूल से अंकित हो गया है. लेकिन सवाल यह कि भले ही इस पूजा के उदघाटन को लेकर पदाधिकारी कुछ भी कहें, पर एक दिन कांग्रेस के नेताओं का इस पूजा में शामिल होना तथा दूसरे दिन राज्यपाल की उपस्थिति में तृणमूल के नेता मंत्रियों का शामिल होना पूजा के उदघाटन में राजनीति के प्रवेश का संदेश हैं. मोहम्मद अली पार्क के पूजा के उदघाटन को लेकर लगातार दो दिन आमंत्रण कार्ड छापने एवं अलग-अलग दो राजनीतिक दलों के लोगों को खुश करने की कवायद पर पूजा आयोजकों के दो गुटों में आपसी असंतोष देखा जा रहा है. भले ही आयोजक सामने आकर इसका विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन आयोजकों का एक गुट लगातार दो दिनों तक उदघाटन, पूजा आयोजन का अपमान मान रहे हैं. आयोजकों के एक वर्ग का मानना है कि पूजा के आयोजन में किसी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए.