मालदा. कांग्रेस के पंचायत प्रधान के खिलाफ बांग्लादेशी नागरिकता रखने का आरोप साबित होने पर जिला प्रशासन ने उसकी सदस्यता पद खारिज कर दी.
हालांकि कांग्रेस के आरोपी ग्राम पंचायत प्रधान अवैध रूप से बांग्लादेश से भारत में प्रवेश एवं मतदाता पहचान पत्र में जालसाजी के आरोप में बीते पांच महीनों से जिला संशोधनागार में विचाराधीन कैदी के रूप में बंद है. अब उसके बांग्लादेशी नागरिक होने का आरोप प्रमाणित हो जाने पर उसके पंचायत प्रधान के पद को बरखास्त कर दिये जाने का निर्देश प्रशासन की ओर से जारी किया गया है.
आरोपी पंचायत प्रधान का नाम अब्दुस सत्तार अंसारी है. वह गाजोल थानांतर्गत शाहबाजपुर ग्राम पंचायत का प्रधान है. पुलिस व प्रशासन के सूत्रों के अनुसार, वर्ष 2013 के पंचायत चुनाव में अब्दुस सत्तार अंसारी विजयी होकर शाहबाजपुर पंचायत का प्रधान बन गया. चालू वर्ष में शाहबाजपुर गांव के तृणमूल कार्यकर्ता नूरतेज अली ने उस पंचायत प्रधान के खिलाफ भारत में अवैध घुसपैठ व उसके बांग्लादेशी नागरिक होने का मुकदमा अदालत में दायर किया था. उसके बाद मुकदमे पर कार्यवाही शुरू हुई. तृणमूल कार्यकर्ता नूरतेज अली ने बताया कि अब्दुस सत्तार अंसारी वर्ष 2003 में बांग्लादेश के गाजोल के शाहबाजपुर में आकर रहने लगा था. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया. इसलिए उसने अदालत में मुकदमा दर्ज कर दिया. नूरतेज अली के अधिवक्ता प्रशांत राय ने बताया कि अदालत ने सारे कागजातों की जांच कर गाजोल थाने की पुलिस को अब्दुस सत्तार को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया था. पांच महीने पहले अब्दुस सत्तार को गिरफ्तार किया गया था.
वह जिला संशोधनागार में कैद है. इसके बाद जिला सदर महकमा शासक के पास अब्दुस सत्तार के पंचायत प्रधान पद को खारिज करने के लिए आवेदन किया गया. उसके बाद उसके पंचायत प्रधान पद को बरखास्त कर दिया गया. सदर महकमा शासक नंदिनी सरस्वती ने बताया कि कांग्रेस प्रधान के खिलाफ नकली ओबीसी व भारतीय मतदाता पहचान पत्र बनाने का प्रमाण मिला है. गाजोल थाने की पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है. जिला कांग्रेस के महासचिव नरेंद्रनाथ तिवारी ने बताया कि पूरी घटना के पीछे राजनीतिक साजिश है. इतने दिनों तक सब चुपचाप थे. असल में शाहबाहपुर इलाके में कांग्रेस को कमजोर बनाने के लिए ही सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस मैदान में उतरी है.