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कोयला खदान क्षेत्रों में बनायेंगे कैंसर सेंटर
टाटा मेडिकल सेंटर के पास धर्मशाला ‘प्रेमाश्रय’ के उद्घाटन अवसर पर बोले केंद्रीय कोयला व बिजली मंत्री झारखंड, ओड़िशा, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल व महाराष्ट्र में बनेगा सेंटर माइनिंग क्षेत्र में ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए शुरू होगा मोबाइल मैमोग्राफी यूनिट कोलकाता. कोयला खदानों में कार्य करने के लिए श्रमिक व अधिकारियों के सेहत […]
टाटा मेडिकल सेंटर के पास धर्मशाला ‘प्रेमाश्रय’ के उद्घाटन अवसर पर बोले केंद्रीय कोयला व बिजली मंत्री
झारखंड, ओड़िशा, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल व महाराष्ट्र में बनेगा सेंटर
माइनिंग क्षेत्र में ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए शुरू होगा मोबाइल मैमोग्राफी यूनिट
कोलकाता. कोयला खदानों में कार्य करने के लिए श्रमिक व अधिकारियों के सेहत का ध्यान रखते हुए केंद्र सरकार ने अब वहां कैंसर सेंटर बनाने का फैसला किया है. केंद्रीय कोयला मंत्रालय द्वारा प्रत्येक कोयला खदान क्षेत्र में कैंसर सेंटर बनाये जायेंगे. यह घोषणा शुक्रवार को केंद्रीय कोयला व बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने टाटा मेडिकल सेंटर के पास बने धर्मशाला ‘ प्रेमाश्रय ’ का उद्घाटन करते हुए की. कैंसर सेंटर की स्थापना के लिए उन्होंने टाटा मेडिकल सेंटर से चिकित्सीय सुविधाओं को मुहैया कराने के लिए सरकार की मदद करने का आवेदन किया.
इस मौके श्री गोयल ने कहा कि उन्होंने टाटा मेडिकल सेंटर के निदेशक मम्मेन चंडी व अन्य अधिकारियों के साथ-साथ हॉस्पिटल के ट्रस्टी को आमंत्रित किया है और इस प्रकार का कैंसर सेंटर की स्थापना के लिए केंद्र सरकार की मदद करने को कहा है. उन्होंने टाटा मेडिकल सेंटर को कोल इंडिया के साथ समझौता कर सेंटर की स्थापना करने का प्रस्ताव दिया है. उन्होंने कहा कि कोयला मंत्रालय ने झारखंड, छत्तीसगढ़, ओड़िशा, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल व महाराष्ट्र में यह कैंसर सेंटर बनाये जायेंगे और इसके बाद धीरे-धीरे देश के पश्चिम क्षेत्र में और कैंसर सेंटर की स्थापना की जायेगी. उन्होंने कहा कि आज तक माइनिंग क्षेत्र में कार्य करनेवाले व रहनेवाले लोगों के लिए इस प्रकार की कोई सुविधा नहीं है, उनकी मदद के लिए कुछ नहीं किया गया.
लेकिन वर्तमान सरकार कम से कम इस क्षेत्र में रहनेवाले लोगों को इस प्रकार से सुरक्षित रखना चाहती है कि माइनिंग की वजह से उनको किसी प्रकार की परेशानी ना हो. इसके साथ ही श्री गोयल ने माइनिंग क्षेत्रों में ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए मोबाइल मैमोग्राफी यूनिट की स्थापना करने का प्रस्ताव दिया, उन्होंने कहा कि बहुत जल्द केंद्र सरकार द्वारा यह मोबाइल यूनिट का लांच किया जायेगा. गौरतलब है कि शुक्रवार को केंद्रीय कोयला व बिजली मंत्री ने टाटा मेडिकल सेंटर के पास प्रेमाश्रय का उदघाटन किया. इस 10 मंजिली इमारत में 525 मरीजों के साथ-साथ उनके परिवारवालों के रहने की सुविधा होगी.
यहां कोलकाता के साथ-साथ अन्य राज्यों से इलाज कराने के लिए आये लोगों को काफी कम कीमत पर रहने के लिए कमरा प्रदान किया जायेगा. इस मौके पर मंत्री ने प्रेमाश्रय ट्रस्ट को उद्योगपति, बिजनेस समुदाय व अन्य लोगों से इसके रखरखाव के लिए राशि एकत्रित करने की अपील की, क्योंकि इस होम के रखरखाव के लिए प्रत्येक वर्ष 30 करोड़ रुपये का खर्च आयेगा. उन्होंने बताया कि प्रेमाश्रय के निर्माण के लिए कोल इंडिया ने 41.11 करोड़ रुपये दिये हैं.
बिना लिंकेज वाली बिजली कंपनियों को कोयला देने के लिए निविदा जल्द
कोलकाता : कोयला मंत्रालय की ओर से बिना कोल लिंकेज या ब्लॉक वाली बिजली कंपनियों को कोयला देने के लिए बहुत जल्द ई-निविदा आमंत्रित की जायेगी, लेकिन इस निविदा की सबसे खास बात यह है कि बिजली कंपनियों के लिए पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) के आधार पर दो अलग-अलग निविदा बुलायी जायेगी.
यह जानकारी शुक्रवार को केंद्रीय कोयला व बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से आयोजित कार्यक्रम में दी. उन्होंने कहा कि जिन कंपनियों का कोल इंडिया के साथ पीपीए है, उनको कोल इंडिया द्वारा निर्धारित कीमत से 20 प्रतिशत अधिक कीमत पर कोयला दिया जायेगा, लेकिन जिन कंपनियों का कोल इंडिया के साथ पीपीए नहीं है, उनको कोल इंडिया द्वारा निर्धारित कीमत से 40 प्रतिशत अधिक कीमत पर कोयला प्रदान किया जायेगा.
हालांकि उन्होंने कहा कि यह स्थायी समाधान नहीं है, जब तक इस संबंध में कोई ठोस गाइड लाइन नहीं बन जाती है, तब तक इस प्रकार ही बिना कोल लिंकेज व ब्लॉक वाले बिजली कंपनियों को कोयला मुहैया कराया जायेगा. उन्होंने बताया कि प्रत्येक सेगमेंट के लिए पांच-पांच मिलियन टन कोयला रिजर्व रखा जायेगा. कोयला मंत्रालय बहुत टैरिफ के आधार पर नयी पॉलिसी लाने का जा रहा है, जिसमें विभिन्न कंपनियों के लिए कोयला की कीमत भी अलग-अलग होगी. सभी कंपनियों को एक कीमत पर कोयला नहीं दिया जा सकता. इसलिए इस संबंध में कमेटी बना कर समीक्षा की जा रही है.
तीस्ता हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट की समस्या खत्म
कोलकाता. सिक्किम में बनाये जा रहे तीस्ता हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट की सभी समस्याओं का समाधान किया जा चुका है. अगले कुछ दिनों में ही इस प्रोजेक्ट को लेकर खुश खबरी दी जायेगी. यह जानकारी शुक्रवार को केंद्रीय कोयला व बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने दी.
उन्होंने बताया कि इस पावर प्रोजेक्ट की समस्या एनडीए की सरकार को विरासत में मिली थी. इस योजना के लिए सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि विदेशी कंपनियों ने भी निवेश किया है. 1200 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता वाले इस प्रोजेक्ट में अब तक करीब 8200 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है. इस पावर प्रोजेक्ट की स्थापना से उत्तर- पूर्व राज्यों में बिजली समस्या का समाधान हो जायेगा. प्रोजेक्ट की सभी समस्याओं को दूर करने के लिए राज्य सरकार, बैंकर्स, निवेश करनेवाली कंपनियां, यहां से बिजली खरीदने वाले राज्य, पावर ट्रेडिंग कंपनियां सहित सभी लोगों के साथ उन्होंने बैठक की.
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