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वेभर स्कीम फिर चालू

कोलकाता. आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे कोलकाता नगर निगम (केएमसी) ने इस स्थिति से उबरने के लिए एक बार फिर वेभर स्कीम का सहारा लिया है. बकाया संपत्ति कर की वसूली के लिए तृणमूल बोर्ड फिर से शहर में वेभर स्कीम चालू करने जा रहा है. मंगलवार को मेयर परिषद की बैठक में […]

कोलकाता. आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे कोलकाता नगर निगम (केएमसी) ने इस स्थिति से उबरने के लिए एक बार फिर वेभर स्कीम का सहारा लिया है. बकाया संपत्ति कर की वसूली के लिए तृणमूल बोर्ड फिर से शहर में वेभर स्कीम चालू करने जा रहा है. मंगलवार को मेयर परिषद की बैठक में वेभर स्कीम चालू करने की योजना को मंजूरी मिलने के साथ ही इसे शहर में लागू भी कर दिया गया.
मेयर शोभन चटर्जी ने बताया कि हम लोगों ने फिर वेभर स्कीम चालू किया है. इस बार वेभर स्कीम पिछली बार से थोड़ा अलग होगा. वेभर स्कीम का लाभ केवल वही लोग उठा सकेंगे, जो बकाया संपत्ति कर का पूरा भुगतान एक बार में करेंगे. एक बार में बकाया संपत्ति कर का भुगतान करने के एवज में संपत्ति मालिक को जुर्माना पर 99 प्रतिशत की छूट मिलेगी, जबकि बकाया संपत्ति कर पर लगने वाले सूद पर भी 50 प्रतिशत की छूट दी जायेगी. राज्य विधानसभा में इस संबंध में एक बिल भी पास हो चुका है. निगम हालांकि इसे वेभर स्कीम का नाम देना नहीं चाह रहा है. उसका कहना है कि मामले की स्थिति देखने के बाद ही टैक्स में छूट देने का फैसला लिया जायेगा. संपत्ति कर के रूप में फिलहाल सैकड़ों संपत्ति मालिकों के पास निगम का 2000 करोड़ रुपये बकाया है. मंगलवार को बेहला निवासी एक संपत्ति मालिक का मामला निगम तक पहुंचा. बकाया भुगतान करने के साथ ही उस पर लगनेवाले जुर्माने में 99 प्रतिशत एवं सूद पर 50 प्रतिशत की छूट दे दी गयी. शोभन चटर्जी ने अपने पहले कार्यकाल में भी वेभर स्कीम चालू किया था, जिसमें निगम के खजाने में लगभग 300 करोड़ रुपये जमा हुए थे.
कार पार्किग के लिए होगा टेंडर
अवैध कार पार्किग की समस्या पर नियंत्रण पाने के लिए कोलकाता नगर निगम पूरे महानगर में एक साथ टेंडर जारी करने जा रहा है. इस बार कार पार्किग के लिए ओपन टेंडर जारी किया जायेगा. मेयर शोभन चटर्जी ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर महानगर की कार पार्किग व्यवस्था को नये सिरे से व्यवस्थित किया जायेगा. इस काम में राज्य प्रशासन एवं कोलकाता पुलिस की भी सहायता ली जायेगी. ओपन टेंडर जल्द ही जारी किया जायेगा. मेयर ने स्वीकार किया कि शहर में बड़े पैमाने पर अवैध पार्किग का धंधा चल रहा है. उन्होंने कहा कि पार्किग लॉट में जरूरत से अधिक गाड़ियां पार्क की जाती हैं. अधिक शुल्क लेने की भी शिकायत आम है. नयी प्रक्रिया में ऐसा नहीं होगा. अब पार्किग लॉट के प्रत्येक कर्मी को अनिवार्य रूप से यूनिफॉर्म में रहना होगा. कार पार्किग शुल्क के लिए अब स्लिप देने का सिस्टम बंद कर दिया जायेगा. इसके बजाय अब पार्किग लॉट पर तैनात कर्मियों को एक यंत्र दिया जायेगा, जिससे न केवल वहां पार्क होनेवालीं गाड़ियों का समय दर्ज किया जायेगा, बल्कि उसी के आधार पर शुल्क भी लिया जायेगा. पार्किग स्थलों पर अनिवार्य रूप से एक हेल्पलाइन नंबर दर्ज किया जायेगा. इस नंबर पर लोग अपनी शिकायत व सुझाव निगम को दे पायेंगे.

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