कोलकाता: कलकत्ता हाइकोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग की मांगों को मानते हुए यह निर्देश दिया कि राज्य में पंचायत चुनाव तीन चरणों में केंद्रीय सशस्त्र बल की निगरानी में कराये जायें.
हाइकोर्ट के जज विश्वनाथ समाद्दार ने यह माना कि चुनाव आयोग की मांगों से समझौता नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने सरकार के दो चरणों में चुनाव कराने की अधिसूचना को खारिज कर दिया. अदालत के मुताबिक वर्तमान पंचायत की अवधि के जून महीने में समाप्त हो जाने के पहले चुनाव कराना बेहद जरूरी है. अदालत ने यह माना कि यह असामान्य स्थिति है, इसलिए असामान्य निर्देश की जरूरत है.
सरकार को निर्देश
जज ने यह निर्देश दिया कि आयोग को वह आइएएस व डब्ल्यूबीसीएस एग्जिक्यूटिव कैडर से 400 पर्यवेक्षकों के नाम आयोग को बताये, जैसा कि मांग की गयी थी. राज्य सरकार की ओर से पहले ही 266 पर्यवेक्षकों के नाम बताये गये हैं.
अन्य के नाम शनिवार तक आयोग को बताने होंगे. पंचायत चुनाव कराने के लिए केंद्रीय बल, राज्य पुलिस व अन्य राज्यों की पुलिस की संख्या के संबंध में आयोग को बताकर राज्य सरकार को इस बाबत आयोग को शनिवार तक संतुष्ट करना होगा. आयोग इसके बाद चुनाव की तारीखों की घोषणा करेगा. अदालत ने राज्य चुनाव आयोग से यह भी कहा है कि वह सभी राजनीतिक दलों को यह निर्देश दे कि अदालत की टिप्पणियों को वह अपने चुनाव प्रचार में इस्तेमाल न करें.