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गतिरोध कायम: नहीं सुलझा नॉर्थ ब्रूक जूट मिल का मसला, त्रिपक्षीय बैठक बेनतीजा
हुगली. चांपदानी नॉर्थ ब्रूक जूट मिल को खुलवाने के लिए बुधवार को श्रम मंत्री मलय घटक की अध्यक्षता में त्रिपक्षीय बैठक हुई. बैठक करीब डेढ़ घंटे चली, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. बैठक में प्रबंधन के प्रस्ताव पर मिल के आठ श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच आम सहमति नहीं बन पायी. फलस्वरूप मिल में […]
हुगली. चांपदानी नॉर्थ ब्रूक जूट मिल को खुलवाने के लिए बुधवार को श्रम मंत्री मलय घटक की अध्यक्षता में त्रिपक्षीय बैठक हुई. बैठक करीब डेढ़ घंटे चली, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. बैठक में प्रबंधन के प्रस्ताव पर मिल के आठ श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच आम सहमति नहीं बन पायी. फलस्वरूप मिल में तालाबंदी खत्म किये जाने का मसला ज्यों का त्यों बना रहा. हालांकि इस मसले को सुलझाने के लिए 30 जून को फिर बैठक होगी. बैठक में अनुकूल नतीजा नहीं निकल पाने से हताश मिल के लगभग चार हजार श्रमिकों की उम्मीद अब अगली बैठक पर टिकी हुई है.
जानकारी के मुताबिक, बुधवार को अपराह्न लगभग डेढ़ बजे श्रम मंत्री के कार्यालय में बैठक शुरू हुई. बैठक में श्रम मंत्री मलय घटक के अलावा श्रम विभाग के अधिकारी, मिल प्रबंधन की ओर से मिल के उपाध्यक्ष रमाशंकर उपाध्याय और आठ श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए. इन प्रतिनिधियों में इंटक के मोहम्मद असलम, आइएनटीटीयूसी के रामबाबू साव, सीटू के मोहम्मद इस्माइल, एटक के मुकुंद गुप्ता, आरसीएमयू के शंकर पांडेय, एचएमएस के महेंद्र साव, बीएमएस के राजेंद्र यादव और टीयूसीसी के देबू चटर्जी शामिल थे. मिल के इंटक नेता मोहम्मद असलम ने बताया की प्रबंधन ने जूट छंटाई विभाग को पूरी तरह ठेके पर चलाने का प्रस्ताव दिया. इसके बाद सिलाई घर में तीन हेल्परों के स्थान पर दो को नियुक्त किये जाने, सिलाई घर में लगभग 150 बंडल और हिराकल में लगभग 120 बंडल उत्पादन देने का प्रस्ताव दिया, जिसे श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने ठुकरा दिया और मिल जिस अवस्था में बंद हुई थी, उसी अवस्था में खोलने का प्रस्ताव रखा. इस पर प्रबंधन तैयार नहीं हुआ. काफी देर तक विचार-विमर्श के बाद कथित तौर पर श्रम मंत्री ने प्रबंधन से कहा कि मिल को ज्यादा दिनों तक बंद नहीं किया जा सकता है. आनेवाले दिनों में कई त्योहार व पर्व हैं. इसे ध्यान में रखते हुए मिल को अविलंब खोलना होगा. ध्यान रहे कि आठ जून से मिल में तालाबंदी है. प्रबंधन की ओर से कम उत्पादन होना और खर्च का परिमाण अधिक होने का कारण बता कर तालाबंदी संबंधी नोटिस दिया गया था.
हेस्टिंग्स जूट मिल पर नहीं हो पायी बैठक
लगभग 24 दिनों से जारी मजदूरों की हड़ताल से रिसड़ा स्थित हेस्टिंग्स जूट मिल का कार्य पूरी तरह ठप है. समस्या के समाधान के लिए बुधवार को श्रम मंत्री मलय घटक ने त्रिपक्षीय बैठक बुलायी थी, लेकिन मिल प्रबंधन के किसी भी अधिकारी के नहीं आने से बैठक नहीं हो पायी. मिल की मौजूदा समस्या के समाधान के लिए लगभग 11 श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि मंत्री से मिले. मंत्री ने श्रमिकों की समस्या के बारे में सुना और आश्वासन दिया कि अगले सप्ताह इस मुद्दे पर बैठक की जायेगी.
श्यामनगर वेभरली जूट मिल खुली
एक महीने से बंद श्यामनगर वेभरली जूट मिल बुधवार को खुल गयी. मिल खुलने पर श्रमिकों ने बुधवार को खुशी जतायी. मिल में 3500 हजार श्रमिक कार्यरत हैं. 11 मई को मिल प्रबंधन ने उत्पादन में घाटा का करण दिखा कर मिल में सस्पेंशन ऑफ वर्क्स का नोटिस जारी कर दिया था. त्रिपक्षीय बैठक के बाद मिल को खोला गया.
तबीयत बिगड़ने के कारण बैठक से चले गये थे अध्यक्ष
दो महीनों से बंद तेलिनीपाड़ा विक्टोरिया जूट मिल को खोलने को लेकर मंगलवार को श्रम मंत्री मलय घटक ने त्रिपक्षीय बैठक की. मिल खोलने के लिए सहमति तो नहीं बन पायी, लेकिन रमजान के महीने को देखते हुए मजदूरों को एडवांस पांच हजार रुपये देने का निर्णय उक्त बैठक में लिया गया. जब बारी प्रबंधन अधिकारी के हस्ताक्षर की आयी, तो अचानक मिल के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार सिंह के नदारद होने की बात सामने आयी. हालांकि इस मसले को लेकर श्रम मंत्री ने मिल प्रबंधन से बात करने की बात कह बैठक रद्द कर दी थी. बुधवार को मिल के चीफ पर्सनल मैनेजर अरुण सिंह ने कहा कि बैठक के दौरान मिल के अध्यक्ष की अचानक तबीयत बिगड़ गयी थी. वह बैठक स्थल से सीधे एक निजी अस्पताल में भरती हो गये. स्थिति गंभीर थी, इसलिए उन्हें बताने का मौका नहीं मिला. अरुण सिंह ने कहा कि मिल के अध्यक्ष के स्वस्थ होते ही मिल खोलने से संबंधी मुद्दों पर आगे कार्य होगा.
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