महानगर में शादी बाड़ी का अभाव होता जा रहा है. समय पर विद्वान पंडित भी नहीं मिलते. ऐसे में परिणय सेवा केंद्रों का निर्माण अत्यावश्यक है. मुंबई व पुणे में ऐसे सेवा संस्थान हैं जहां विवाहोत्सव सादगी व कम खर्चे में संपन्न होते हैं. वहां अधिकतम 500 लोगों की पार्टी के आयोजन की व्यवस्था होती है. सीमित आइटम होते हैं. दो मीठा, दो फीका, दो साग, दो चटनी, खस्ता कचौड़ी, दाल-चावल, तीन तरह की रोटियां व सलाद के साथ परिणय स्थल पर लगभग 100 लोगों के बैठने व्यवस्था रहती है. विवाह की समस्त सामग्री के साथ योग्य पंडित भी उपलब्ध होते हैं. इसी तरह की व्यवस्था कोलकाता महानगर में भी होनी चाहिये. समाज के कर्णधारों को अविलंब इस दिशा में सक्रिय होने की जरूरत है. ईश्वर प्रसाद कानोडि़या, कोलकाता
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कोलकाता में परिणय सेवा केंद्रों की जरूरत
महानगर में शादी बाड़ी का अभाव होता जा रहा है. समय पर विद्वान पंडित भी नहीं मिलते. ऐसे में परिणय सेवा केंद्रों का निर्माण अत्यावश्यक है. मुंबई व पुणे में ऐसे सेवा संस्थान हैं जहां विवाहोत्सव सादगी व कम खर्चे में संपन्न होते हैं. वहां अधिकतम 500 लोगों की पार्टी के आयोजन की व्यवस्था होती […]
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