पार्थ ने बताया कि मेरी मां को ब्रेस्ट कैंसर था, उनका मेडिकल इलाज चल रहा था. वह रिकवर भी कर रही थी, लेकिन दादी ने अपनी जिद से मां का मेडिकल इलाज बंद कर जबरन जादू टोना के जरिये इलाज शुरू कर दिया. इसके कारण डॉक्टरी चिकित्सा के अभाव में मां की मौत हो गयी. मां की मौत के बाद ही पूरा परिवार सदमे में आ गया और इसके बाद से पूरा परिवार टूट गया. अस्पताल सूत्रों के मुताबिक पार्थ दे ने कहा कि मां की मौत के बाद वह फिर से किसी अपनों को खोना नहीं चाहता था. इसके कारण ही दोनों मन पसंद कुत्ते और बहन की मौत के बावजूद उन्हें अपने से अलग होने नहीं दिया.
उसने कहा कि दीदी के बिना मै नहीं बच सकता था, दीदी भी सदमे के कारण पानी पीकर साधना करना शुरू कर दी थी. मैंने भी उन्हें नहीं रोका और उसकी भी मौत हो गयी. मैंने दीदी की मौत की खबर पिता अरविंद दे को 12 मार्च को दी थी. अस्पताल की तरफ से पार्थ दे के जवाब की सारी रिकॉर्डिग डीसी दफ्तर में भेज दी गयी है. अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि पार्थ के सेहत में पहले की तुलना में काफी ज्यादा सुधार हो रहा है. इसके कारण कुछ दिन उसे पुलिस की पूछताछ से दूर रहना होगा. वहीं चिकित्सकों की सलाह के बाद पार्थ को इंस्टीच्यूट ऑफ साइक्राइटिक में भेजने को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है. मंगलवार को उसे उस अस्पताल में भेज दिया जायेगा.