अभिजीत को क्या परेशानी थी, उसने ऐसा कदम क्यों उठाया, इस बारे में उसके दोस्तों से बात कर इसका पता लगाया जायेगा. वहीं इस मामले में प्रिंसिपल सुद्धोदन बटव्याल का कहना है कि हॉस्टल के लिए यह घटना एक बड़ी सीख है. यहां पढ़ने वाले छात्रों से अस्पताल के शिक्षक अब लगातार संपर्क कर उनकी परेशानियों का पता लगाने की कोशिश करेंगे, जिससे छात्रों के साथ एक दोस्त की तरह मिल कर उन्हें पढ़ाई में मदद किया जा सके.
इस घटना पर अभिजीत के पिता उमेश्वर सिंह ने बताया कि तीन दिन हो गये, लेकिन अब तक उनका बेटा कहां है इसका कोई सुराग पुलिस को नहीं मिल सका है. इसके कारण अब वे अपने बेटे का पता लगाने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात कर सीआइडी जांच की मांग करेंगे. इस मामले में टाला थाने के अधिकारी के अलावा लालबाजार के मिसिंग पर्सन स्क्वाड के अधिकारी सोमवार को अभिजीत के हॉस्टल जाकर उसके कमरे की तलाशी ली.
साथ ही उसके दोस्तों व परिवार के सदस्यों के साथ भी बातचीत कर सुराग हासिल करने की कोशिश में जुट गये. अधिकारियों का कहना है कि अभिजीत हॉस्टल छोड़ने के पहले अपने मोबाइल व मनी बैग तो कमरे में रखा ही, साथ ही उसने अपने फेसबुक अकाउंट को भी मिटा दिया. जिससे किसी भी तरह से उसके बारे में कोई जानकारी पुलिस हासिल नहीं कर सके. पूरे मामले पर कोलकाता पुलिस के विशेष अतिरिक्त व संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) पल्लव कांति घोष ने बताया कि पुलिस हर तरीके से अभिजीत को तलाश करने कोशिश कर रही है, जल्द ही उसे तलाश लिया जायेगा.