कोलकाता: केंद्रीय वित्तीय मामलों के एफएसडीसी एडवाइजर सीएस महापात्र (आइइएस) ने कंपनियों के मुख्य वित्तीय अधिकारियों (सीएफओ) को विनियामक परिवर्तनों के बारे में जागरूक व इसके लिए तैयार रहने की सलाह दी है. महापात्र इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स की तरफ से शनिवार को आयोजित दूसरे आइसीसी सीएफओ सम्मेलन 2013 को संबोधित कर रहे थे.
श्री महापात्र ने कहा कि विनियामक परिवर्तनों के गतिशील होने व बदलते विनियामक परिदृश्यों के लिए कंपनियों को अपनी क्षमता बनाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि वित्तीय क्षेत्र में दीर्घकालिक सुधार लाने के प्रयास के तहत फाइनेंशियल सेक्टर लेजिस्लेटिव रिफार्म्स कमीशन (एफएसएलआरसी) का गठन किया गया है जो बहु नियामक प्रणाली से निपटने का प्रयास कर रही है. उन्होंने भविष्य में मात्र दो नियामक संस्थाओं के होने का संकेत दिया. इनमें एक भारतीय रिजर्व बैंक होगा व बाकी नियामक संस्थाओं को मिलाकर एक अन्य नियामक संस्था बनायी जायेगी.
मौके पर मौजूद इस्टर्न इंडिया रिजनल काउंसिल ऑफ आइसीएआई की चेयरपर्सन चित्र अग्रवाल ने कहा कि बदलते वाणिज्यिक परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए बदलावों को पहचानने व अपनाने की जरूरत है. एक संस्थान के बने रहना उसके विकास गति से समझौता किये बिना अधिक से अधिक जोखिम उठाने पर निर्भर करता है.