इनमें दो ड्रील मशीनें, लोहे की पाइप, स्प्रींटर आदि हैं. इसके अलावा दो बांग्लादेशी सिम कार्ड व तीन मोबाइल भी मिले. इस सिलसिले में घर के मालिक समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार लोगों में दो बिहार के मुंगेर जिले के रहनेवाले हैं, बाकी दो लोग दौलतपुर गांव के निवासी हैं.
बीएसएफ ने गिरफ्तार लोगों के साथ बरामद आगAेयास्त्र व अन्य सामानों को आज वैष्णवनगर थाना में सौंप दिया. गिरफ्तार लोगों के नाम अब्दुल रशीद (50), उसका बेटा दिलावर हुसैन (28), अब्दुल रशीद आलम (25) व सेलीम अहमद (43) हैं. पूछताछ में पता चला कि दिलावर हुसैन व अब्दुल रशीद आलम कारखाने में हथियार बनानेवाले कारिगर के रूप में काम करते थे. बीएसएफ व पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अब्दुल रशीद एक साल से ज्यादा समय से अपने घर में अवैध हथियार कारखाना चला रहा था.
वह हथियार विभिन्न जगहों में चोरी के रास्ते आपूर्ति कराता था. बीएसएफ के खुफिया विभाग के अफसर काफी दिनों से अब्दुल रशीद के घर पर नजर रख रहा था. बीच-बीच में अब्दुल रशीद के घर में बड़े-बड़े लोहे की पाइप आती थी. घर के नीचे और एक घर बना कर देर रात तक यहां हथियार बनाने का काम चलता था. गिरफ्तार लोगों से बरामद बांग्लादेशी सिम कार्ड से बीएसएफ को शक है कि इस अवैध अस्त्र कारखाने के पीछे अंतरराष्ट्रीय गिरोह भी शामिल हो सकता है. पूछताछ में पुलिस को पता चला है कि इस कारखाने में बीते तीन महीने में 70 नाइन एमएम पिस्तौल बना कर तस्करी की गयी है. पिस्तौलों की तस्करी कहां की गयी है, यह अभी तक पता नही ंचल पाया है. पुलिस सूत्रों से यह भी पता चला है कि कारखाने का मालिक अब्दुल रशीद इलाके के कांग्रेस नेता है. बीएसएफ के मालदा सेक्टर के डीआइजी अजरुन सिंह राठौर ने बताया कि पूरे मामले को लेकर खुफिया अफसर जांच कर रहे हैं.