कोलकाता: हुगली जिले में पल्स पोलियो ड्रॉप्स की जगह हेपेटाइटिस बी के टीके की दवा पिलाने के बाद कम से कम 114 बच्चों को अस्पताल में भरती कराया गया था, जिनमें से अधिकतर बच्चों को सोमवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी. हालांकि इस मामले के जांच शुरू कर दी गयी है और मामले में चार लोगों को निलंबित भी किया जा चुका है.
गौरतलब है कि रविवार को पोलियो टीकाकरण के दौरान हुगली जिले के गोघाट थाना क्षेत्र में स्थित दो प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को पोलियो की खुराक पिलायी जा रही थी, उसी समय बच्चों को गलती से पोलियो ड्रॉप की बजाय हेपेटाइटिस बी की दवा खिला दी गयी थी, जिस वजह से बच्चों की तबीयत खराब हो गयी थी. प्रदेश के स्वास्थ्य सेवा निदेशक बी सतपथी ने सोमवार को बताया कि मुख्यमंत्री ने मामले की जांच के आदेश दिये हैं. जांच शुरू कर दी गयी है. उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा की गयी लापरवाही को स्वीकार करते हुए कहा कि इस मामले में लिप्त चार स्वास्थ्य कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है, लेकिन हेपेटाइटिस बी टीके की दवा को गलत तरह से पिलाने के बाद बच्चों के स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ा है और उन्हें सोमवार को आरामबाग अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी.
हुगली से आधिकारिक सूत्रों के हवाले से आयी खबर के अनुसार जहां 114 बच्चों को अस्पताल में भरती कराया गया, वहीं सतपथी ने कहा कि 67 बच्चों को अस्पताल भेजा गया. सत्पति ने कहा कि 14 अन्य बच्चों को बाद में इसलिए अस्पताल में भरती कराया गया क्योंकि उनके माता-पिता बच्चों को गलत तरह से दवा दिये जाने की खबर सुन कर घबरा गये थे. उन्होंने कहा कि निलंबित कर्मचारियों में एक सुपरवाइजर है, जो शिविर में देर से पहुंचा जबकि वह वितरण का प्रभारी था. सतपथी ने बताया कि डॉक्टरों समेत स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों के एक दल को प्रभावित बच्चों के घरों पर भेजा गया और उनकी हालत अच्छी है. उन्होंने कहा कि हेपेटाइटिस बी टीका इंजेक्शन के जरिये लगाया जाता है लेकिन इसे पिलाने पर स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ता.