उन्होंने कहा कि ज्ञापन में हावड़ा में टैक्सी चालक घुरन साव पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा की गयी शारीरिक प्रताड़ना के आरोपों की सटीक जांच और आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की गयी है. साथ ही गोलाबाड़ी में राजेश कुमार यादव पर झूठा मामला दायर किये जाने का आरोप लगाते हुए मामले को वापस लेने की मांग की गयी है. विगत सात अगस्त, 2014 को महानगर में टैक्सी आंदोलन के दौरान नेताओं सहित करीब 25 टैक्सी चालकों पर लगाये मामले भी वापस लिये जाने की मांग दोहरायी गयी है. श्रीवास्तव ने कहा कि लगातार आंदोलन के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बैठक के बाद टैक्सी रिफ्यूजल में थोड़ी रियायत बरती गयी लेकिन चालकों पर शटल सर्विस मामले समेत अन्य कई मामले देकर दबाव बनाने का सिलसिला जारी है.
आरोप के मुताबिक मुख्यमंत्री ने टैक्सी चालकों के लिए पार्किग जोन बनाने की बात कही थी लेकिन पर्याप्त टैक्सी स्टैंड नहीं हैं. यात्रियों को उतारने और चढ़ाने के दौरान चालकों नो पार्किग का मामला दिया जा रहा है. चालकों के लिए शौचालय की व्यवस्था, टैक्सी किराये व वेटिंग चार्ज में बढ़ोतरी की मांग भी ज्ञापन के प्रमुख मुद्दे हैं. संगठन की ओर से मांग की गयी है कि पेट्रोल की कीमत बढ़ने और घटने के अनुरूप टैक्सी किराये का मापदंड तय किया जाये. श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि हावड़ा में स्टेशन के निकट अवैध वाहनों की पार्किग हैं और उन वाहनों के सफर उपरांत यात्रियों के मनमाने ढंग से किराये वसूले जाते हैं. ऐसे में टैक्सी चालकों की रोजी पर संकट बढ़ रहा है, इस बारे में पुलिस प्रशासन को अवगत कराया गया लेकिन कोई असर नहीं हुआ है. संगठन की ओर से साफ कर दिया गया है कि यदि चालकों की समस्याओं के समाधान और मांगे पूरी नहीं होगी तो आंदोलन का पैमाना और तेज होगा.