कोलकाता. पिछले महीने अप्रैल में आये भयंकर भूकंप ने जिस तरह से नेपाल को तबाह किया है उसकी कल्पना मात्र किया जा सकता है. इस भूकंप ने नेपाल को हर तरफ से तोड़ कर रख दिया है. आर्थिक रूप से भी नेपाल की कमर टूट गयी है. विश्व भर के लोग भूकंप पीड़ितों की सहायता के लिए नेपाल पहुंच रहे हैं. पश्चिम बंगाल सरकार के साथ बंगाल की विभिन्न संस्थाओं और व्यावसायिक संगठनों ने लोगों से आग्रह किया है कि वे अधिक से अधिक नेपाल की सहायता के लिए अपने हाथ आगे करें. उक्त बातें कोलकाता में नेपाल के उच्चयुक्त चंद्र कुमार घीमिरे ने कहीं.
श्री घीमिरे ने नेपाल त्रसदी के बारे में बताते हुए कहा कि नेपाल सरकार की पहली प्राथमिकता है शहरी और ग्रामीण इलाकों में ढह गये मकान के मलबे को हटाना. दूसरे चरण में दरार पड़ चुके मकानों की मरम्मत करना है.
श्री घीमिरे ने बताया कि टूटे मकानों की मरम्मत में तीन वर्ष का समय लग जायेगा. नेपाल की राजधानी में कई सारे ऐतिहासिक महत्व के भवन हैं, जिनके लिए भी कार्य तेजी से चल रहा है. जानकारों की माने तो इन ऐतिहासिक धरोहरों की मरम्मत में आठ वर्ष या उससे ज्यादा का समय लग सकता है. एमसीसीआई चेंबर में आयोजित कार्यक्रम के अंत में नेपाल त्रसदी पर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म वीडियो भी दिखाया गया. इस वीडियो का निर्माण नेपाल के उपउच्चयुक्त सुरेन्द्र थापा ने किया था.
स्वागत भाषण देते हुए एमसीसीआइ के पूर्व अध्यक्ष दीपक जालान ने बताया कि एमसीसीआइ के सदस्यों द्वारा नेपाल की त्रसदी के लिए 31 लाख रुपये सहायता के रूप में नेपाल के उच्चयुक्त को प्रदान किया गया. कार्यक्रम के अंत में सुरेंद्र कयाल ने लोगों का धन्यवाद ज्ञापन किया.