कोलकाता. श्री सिंहस्थल पीठाधीश्वर क्षमारामजी महाराज ने श्रीराम मंदिर, राजारहाट (इको पार्क के पास) में सत्संग में श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि गंगा का शुद्धिकरण व गोसंरक्षण के लिए धर्मानुरागी सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ ही केंद्र व राज्य सरकार को पहल करनी चाहिए. हिंदू धर्म सत्य, सनातन है. हिंदू धर्म और भारत अलग-अलग नहीं है. सनातन हिंदू धर्म प्राचीन धर्म है. भारत विशाल राष्ट्र है. भारत का सीमांकन कालक्रम की देन है. हिंदू धर्म व्यक्तिवाद पर नहीं चलता है. ईश्वर की मर्यादा का पालन करना हिंदू धर्म है. उन्होंने कहा कि अध्यात्म, धर्म व ईश्वर प्राप्ति का सरल साधन सत्संग है. प्राचीन काल में सत्संग के आयोजनों में भाई चारे, बंधुत्व की भावना को बल मिलता है. वर्तमान समय में सत्संग के अभाव में धन कमाओ, ऐश करो सिद्धांत पर प्राचीन भारतीय संस्कृति को लोग भूलते जा रहे हैं. उन्होंने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जीवन से प्रेरणा लेने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि पिता के आदेश पर श्रीराम ने राजसुख का त्याग कर भरत ने अयोध्या का राज, वैभव स्वीकार नहीं किया. श्रीराम, भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न का भातृ प्रेम सभी के लिए अनुकरणीय है. श्रीराम की नीति विस्तारवादी नहीं थी. उन्होंने लंका पर विजय कर विभीषण को व किष्किंधा का राज्य सुग्रीव को सौंप दिया. सत्संग में काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे.
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अध्यात्म, धर्म व ईश्वर प्राप्ति का सरल साधन सत्संग : क्षमारामजी महाराज
कोलकाता. श्री सिंहस्थल पीठाधीश्वर क्षमारामजी महाराज ने श्रीराम मंदिर, राजारहाट (इको पार्क के पास) में सत्संग में श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि गंगा का शुद्धिकरण व गोसंरक्षण के लिए धर्मानुरागी सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ ही केंद्र व राज्य सरकार को पहल करनी चाहिए. हिंदू धर्म सत्य, सनातन है. हिंदू धर्म और भारत अलग-अलग […]
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