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मोदी और ममता की मिटी दूरियां

कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच सियासी दूरियां शनिवार को मिटती नजर आयीं. सामाजिक सुरक्षा की तीन बीमा योजनाओं को लॉन्च के लिए आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को उन पर भरोसा है. उन्हें पता है कि कोई विकास कर सकता है तो वह ही (मोदी) […]

कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच सियासी दूरियां शनिवार को मिटती नजर आयीं. सामाजिक सुरक्षा की तीन बीमा योजनाओं को लॉन्च के लिए आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को उन पर भरोसा है. उन्हें पता है कि कोई विकास कर सकता है तो वह ही (मोदी) कर सकते हैं.
नजरुल मंच में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत में ही मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा था कि अधिकांश पंचायत इलाकों में बैंकिंग की सुविधा नहीं है. 3500 ग्राम पंचायतों में से एक हजार से अधिक में बैंकिंग परिसेवा नहीं है. कमजोर वर्ग इससे सर्वाधिक प्रभावित होता है. मुख्यमंत्री ने परियोजनाओं के क्रियान्वयन को बेहद जरूरी बताते हुए कहा कि कई योजनाएं ऐसी होती हैं जो गरीब जनता तक नहीं पहुंच पातीं. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो चिंता व्यक्त की है, वह उससे सहमत हैं. गांवों में अभी भी बैंकों की सुविधा नहीं है. लेकिन यह 60 वर्ष का हिसाब है. मुख्यमंत्री ने यह चिंता उनके सामने इसलिए प्रकट की है क्योंकि उन्हें भरोसा है कि कोई इस दिशा में काम करेगा तो वह ही करेंगे.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने संबोधन में कन्याश्री परियोजना की खूबियों को गिनाते हुए केंद्र सरकार की ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ परियोजना’ से इसे बेहतर बताया. उन्होंने कहा कि केंद्र की परियोजना का बजट जहां 100 करोड़ है वहीं कन्याश्री परियोजना का बजट 1000 करोड़ रुपये है. मुख्यमंत्री ने परियोजना को असंगठित क्षेत्र तक पहुंचाने की जरूरत बताते हुए केंद्र व राज्य सरकार के मिल कर काम करने की जरूरत पर बल दिया.
मोदी ने लॉन्च की गयी बीमा योजनाओं के संबंध में कहा कि यह चुनावी परियोजना नहीं है. इसका लाभ तो बाद में मिलेगा. प्रधानमंत्री ने बताया कि यह परियोजना असंगठित क्षेत्र के लोगों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है. उल्लेखनीय है कि सामाजिक सुरक्षा की इन योजनाओं के उदघाटन के कार्यक्रम में नरेंद्र मोदी व ममता बनर्जी के अलावा एक ही मंच पर भाजपा सांसद व गायक बाबुल सुप्रियो व राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम भी थे. बाद में मुख्यमंत्री ने राजभवन जाकर प्रधानमंत्री से मुलाकात की और राज्य की मांगों से संबंधित एक ज्ञापन सौंपा.
बीमार गुरु से मिले मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामकृष्ण मठ और मिशन के प्रमुख स्वामी आत्मस्थानांद महाराज से मुलाकात की जिन्हें वह अपना गुरु मानते हैं. मोदी शहर में स्थित रामकृष्ण मिशन सेवा प्रतिष्ठान गये, जहां यह बुजुर्ग स्वामी स्वस्थ हो रहे हैं. मोदी ने उनके चरण स्पर्श किये और गुरु ने उन्हें आशीर्वाद दिया. साथ ही उन्हें भेंट स्वरुप बेलूड मठ मंदिर की एक शॉल और धोती प्रदान की गयी. दोनांे ने गुजराती में बात की, एक दूसरे का हाल चाल पूछा और पुराने दिनांे को याद किया. मोदी स्वामी आत्मस्थानानंद से उस समय आध्यात्मिक मार्गनिर्देश लिया करते थे जब दोनों राजकोट में थे. अस्पताल के सचिव बिजने महाराज ने बताया कि मुलाकात के बाद मोदी को बेलूडमठ से पायीश (खीर) और संदेश (बंगाली मिठाई: दी गयी. स्वामी आत्मस्थानांद 97 साल के हैं. वह बुढ़ापे की समस्याआंे से ग्रसित हैं. चिकित्सकों ने उनकी हालत स्थिर बतायी है. मोदी का कल सुबह बेलूड़ मठ जाने का कार्यक्रम है. उनके प्रसिद्ध दक्षिणोश्वर काली मंदिर जाने की भी उम्मीद है जहां श्री रामकृष्ण रहा करते थे. किशोरावास्था में मोदी संन्यासी बनने बेलूड़ मठ गये थे लेकिन उनके अनुरोध को खारिज कर दिया गया और उनसे कहा गया कि उनकी कहीं और जरूरत है.
नेताजी के परिजन मोदी से मिले
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवार के सदस्यों ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यहां मुलाकात की और नेताजी से संबंधित दस्तावेजों को सार्वजनिक किये जाने की अपनी लंबित मांग उनके सामने रखी. नेताजी के पौत्र चंद्रकुमार बोस ने मोदी से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘बोस परिवार के अन्य सदस्यों के साथ आज हमने प्रधानमंत्री से मुलाकात की और कहा कि नेताजी से संबंधित दस्तावेज सार्वजनिक करने की मांग केवल परिवार की ही नहीं, बल्कि पूरे देश की है.’ बोस ने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ यहां राजभवन में मोदी के साथ 20 मिनट तक बातचीत की. उन्होंने कहा कि दस्तावेजों को सार्वजनिक करने के लिए उनकी मांग पर प्रधानमंत्री का काफी सकारात्मक रुख रहा. बोस ने कहा, ‘मोदी जी ने हमसे कहा कि ऐसी चीजें दो तीन बैठकों में सुलझायी नहीं जा सकतीं. उन्होंने हमें दिल्ली आने का आमंत्रण दिया और हमसे कहा कि हमें, बोस परिवार, नेताजी के अध्ययनकर्ताओं, सरकारी प्रतिनिधियों को एकसाथ बैठना चाहिए तथा मामले पर चर्चा करनी चाहिए और हम सभी को इस पर काम करना चाहिए’.
पीएम से ममता ने की कर्ज माफी की मांग
कोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन सौंप कर राज्य के 2.74 लाख करोड़ रुपये के कर्ज के बोझ को पूरी तरह माफ करने की अपील की है. शनिवार रात राजभवन जाकर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की. दोनों नेताओं में लगभग 35 मिनट तक बातचीत हुई. सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान प्रधानमंत्री से कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य की विभिन्न योजनाओं के लिए जो राशि आवंटित की थी, उसमें कटौती की जा रही है.
इससे यहां की योजनाओं का काम प्रभावित हो रहा है. उन्होंने प्रधानमंत्री से इस मुद्दे पर व्यक्तिगत तौर पर ध्यान देने की अपील की. प्रधानमंत्री ने भी इस आग्रह पर गौर करने का आश्वासन दिया है. मुख्यमंत्री ने सात पेजों में 15 सूत्री मांगों की सूची मोदी को सौंपी. मुख्यमंत्री ने एक बार फिर प्रधानमंत्री से बंगाल के ऋण के बोझ को कम करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि राज्य आर्थिक संकट से गुजर रही है. वाम मोरचा सरकार के दौरान लिये गये कर्ज से वर्तमान सरकार प्रभावित हो रही है, क्योंकि करीब दो लाख करोड़ रुपये के कर्ज को चुकाने में राज्य का सरकारी कोष खाली हो जा रहा है. इस बैठक में छिटमहल व तीस्ता समझौते को लेकर भी पीएम व सीएम के बीच बातचीत हुई है. इससे पहले, नजरूल मंच में जन सुरक्षा बीमा योजना की लांचिंग कार्यक्रम के पहले प्रधान्नमंत्री व मुख्मयंत्री के बीच एकांत में बैठक हुई. इस बैठक में किन मुद्दों पर चर्चा हुई, इसे लेकर कयास लगाये जा रहे हैं.

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