कोलकाता: कालीघाट मंदिर में आम भक्तों की परेशानी को रोकने के लिए कलकत्ता हाइकोर्ट की ओर से कई निर्देश दिये गये हैं. कलकत्ता हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरुण मिर्श व न्यायाधीश जयमाल्य बागची की अदालत ने कालीघाट मंदिर कमेटी को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि आम भक्तों को किसी किस्म की परेशानी न हो. साथ ही कहा गया है कि मंदिर के भीतर कोई जूता पहनकर न जा सके. इसके लिए कमेटी को मंदिर के बाहर एक स्टैंड बनाना होगा.
पंडों की पारी को अवैध बताते हुए अदालत ने इस पर रोक लगाने के लिए कहा है. साथ ही कहा है कि भक्त फूल व पूजा की अन्य सामग्री विग्रह में न फेंके यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए. मंदिर कमेटी की ओर से अदालत में रिपोर्ट देकर कहा गया कि उनकी 22 लाख रुपये की वार्षिक आय है. इस पर अदालत ने आश्चर्य प्रकट किया तथा आय की रिपोर्ट को फिर से दाखिल करने के लिए कहा है. यह रिपोर्ट सोमवार को जमा देना होगा.
दक्षिण 24 परगना के डिस्ट्रिक्ट जज, जिलाधीश व पुलिस आयुक्त तथा पर्यटन विभाग को मंदिर का परिदर्शन कर हालात पर रिपोर्ट सोमवार को हो देने के लिए कहा है. वर्ष 2005 में इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट की ओर से कालीघाट मंदिर के विकास के लिए एक रिपोर्ट जमा दी गयी थी. अदालत की ओर से कमेटी को रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख करने के लिए कहा है कि उक्त रिपोर्ट का कितना पालन किया गया है व उस पर कितना काम किया गया है.