– कहा जांच के लिए हाइकोर्ट के निर्देश का इंतजार क्यों कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट ने एमपीएस के मामले में जांच के लिए अदालत के निर्देश की प्रतीक्षा करने पर इडी (प्रवर्तन निदेशालय) को फटकार लगायी है. मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर व न्यायाधीश जयमाल्य बागची की खंडपीठ ने कहा कि इडी का खुद का कानून रहने पर भी उसने अपने दायित्व से मुंह मोड़ा है. मनी लॉन्डरिंग एक्ट रहने पर भी अदालत से हस्तक्षेप क्यों मांगा गया है. अगली सुनवाई में इडी के मामले के जिम्मेदार अधिकारी को जांच की प्रगति संबंधी रिपोर्ट लेकर हाजिर होने के लिए अदालत की ओर से कहा गया है. इधर एमपीएस को उनकी सभी संपत्ति, निदेशकों की संपत्ति के ब्योरे की सूची तैयार करने के लिए अदालत ने कहा है. निवेशकों का रुपये वापस करने के लिए अदालत की ओर से प्रस्ताव भी मांगा गया है. खंडपीठ ने स्पष्ट कर दिया है कि एमपीएस के कार्यालय को बंद करने के लिए सिंगल बेंच के निर्देश पर वह हस्तक्षेप नहीं करेगा. उल्लेखनीय है कि गत 30 मार्च को न्यायाधीश सौमित्र पाल की अदालत ने एमपीएस के सभी कार्यालयों को बंद करने का निर्देश दिया था. इस निर्देश को खंडपीठ में चुनौती देते हुए एमपीएस ने याचिका में कहा था कि उनकी केवल एक कंपनी पर विवाद है. लेकिन निर्देश में बाकी कंपनियों को भी बंद करने के लिए कहा गया है. हालांकि खंडपीठ ने सिंगल बेंच के आवेदन पर स्थगनादेश लगाने से इनकार कर दिया. मामले की अगली सुनवाई पांच मई को होगी.
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एमपीएस मामले में इडी को हाइकोर्ट की फटकार
– कहा जांच के लिए हाइकोर्ट के निर्देश का इंतजार क्यों कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट ने एमपीएस के मामले में जांच के लिए अदालत के निर्देश की प्रतीक्षा करने पर इडी (प्रवर्तन निदेशालय) को फटकार लगायी है. मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर व न्यायाधीश जयमाल्य बागची की खंडपीठ ने कहा कि इडी का खुद का कानून रहने […]
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