कोलकाता: सियालदह रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार से दो स्कैनर ने काम करना शुरू कर दिया. एक स्कैनर 9ए और 9बी प्लेटफार्म के बीच लगाया गया है, जबकि दूसरा आठ नंबर प्लेटफार्म के सामने लगाया गया है. इन दोनों स्कैनर से लंबी दूरी के ट्रेन यात्रियों के सामान की जांच की जायेगी. शुक्रवार को राजधानी एक्सप्रेस के यात्रियों के लॉगेज की जांच कर स्कैनर का शुभारंभ किया गया. पुणो से लाये गये स्कैनर का निर्माण वीएम इंजीनियरिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड ने किया है. सियालदह में स्कैनर का सबसे बड़े मॉडल वीजन 100100 लगाया गया है, जो मेट्रो रेलवे के स्कैनर से बड़ा है. बाजार में इस मॉडल के स्कैनर की कीमत 30 लाख रुपये है. पुणो से आये कंपनी के इंजीनियरों ने यहां स्कैनर लगाया.
आयेगी स्पष्ट तसवीर
कंपनी के वरिष्ठ इंजीनियर संतोष शिंदे ने बताया स्कैनर में लॉगेज के प्रवेश करते ही उसके अंदर मौजूद सभी सामान टीवी स्क्रीन पर दिखने लगेगा. उक्त तसवीर को आवश्यकता के अनुसार, बड़ा या छोटा कर स्पष्ट देखा जा सकता है. सामान का नगेटिव व कलर फोटो भी घुमा-फिरा कर देखा जा सकता है. स्कैनर में 195 जीबी की मेमारी है. एक महीने तक के सामान की रिकॉर्डिग इसमें मौजूद रहेगी. एक महीने बाद अंतिम रिकॉर्डिग मिटती जायेगी और उसकी जगह पर नयी रिकॉर्डिग स्टोर होती जायेगी. लोडशेडिंग की स्थिति में भी यह स्कैनर काम करेगा.
आरपीएफ को दिया प्रशिक्षण
इंजीनियरों ने इस स्कैनर को ऑपरेट करने के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के सियालदह के 12 जवानों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया. स्कैनर में एक लॉगेज की जांच में 20 से 25 सेकेंड लगता है. भविष्य में मशीन से रिडेएशन लीक न हो, इसका हर प्रकार से ध्यान रख गया है. चूहों से सुरक्षा के लिए स्कैनर के नीचे लोहे की जाली लगायी गयी है, ताकि उसके अंदर चूहे न घुस सकें. इसके साथ रैट किलर भी उसमें डाला जायेगा.
लगेंगे छह स्कैनरआरपीएफ सूत्रों के मुताबिक, सियालदह डिवीजन में छह स्कैनर लेगेंगे. अभी सियालदह स्टेशन पर तीन और स्कैनर लगाने की बात है. इनमें से एक सियालदह प्लेटफार्म पर तथा पार्सल में दो स्कैनर लगेंगे. कोलकाता टर्मिनल स्टेशन पर एक स्कैनर लगाया जायेगा. इस संबंध में सियालदह आरपीएफ के इंस्पेक्टर सूरज प्रकाश गुप्ता ने बताया कि स्कैनर लगने से लंबी दूरी की ट्रेनों में नशीले पदार्थो की तस्करी रोकने और विस्फोटक पकड़ने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही सियालदह स्टेशन की सुरक्षा मजबूत होगी. मेन गेट पर लगाये गये स्कैनर से आठ, नौ और नौ सी प्लेटफार्म से यातायात करनेवाले लंबी दूरी के ट्रेन के यात्रियों के लॉगेज की तलाशी ली जायेगी. लोकल ट्रेनों के यात्रियों के लॉगेज की फिलहाल स्कैनर से जांच नहीं की जायेगी.