कोलकाता: सिर्फ अनुदान देकर अस्पताल का नाम बदलने की प्रथा को राज्य सरकार ने मानने से इनकार कर दिया है. यहां तक कि आर्थिक तंगी से जूझ रही इस सरकार ने अनुदान के रूप में दिये जानेवाले पांच करोड़ रुपये की राशि को भी लेने से मना कर दिया है.
इस संबंध में एसएसकेएम हॉस्पिटल के प्रिंसिपल प्रदीप कुमार मित्र ने बताया कि करनानी परिवार की ओर से राम रिक अस्पताल के पुनर्विकास के लिए पांच करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव दिया गया है, लेकिन करनानी परिवार के जय कुमार करनानी ने इसका नाम अपने पिता इंद्र कुमार करनानी के नाम पर रखने का प्रस्ताव पेश किया है. डॉ मित्र ने साफ कर दिया कि उनका यह प्रस्ताव राज्य सरकार ने स्वीकार करने से मना कर दिया है.
इस संबंध में मेडिकल शिक्षा विभाग के निदेशक प्रोफेसर सुशांत बनर्जी ने बताया कि जय कुमार किरनानी ने राम रिक अस्पताल का नामकरण अपने पिता का नाम पर करने की मांग की है और साथ ही उन्होंने अस्पताल के विकास के लिए पांच करोड़ रुपये देने का भी प्रस्ताव दिया है. लेकिन अब तक इस मामले में कुछ तय नहीं किया गया है.
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार ने राम रिक अस्पताल के पुनर्विकास करने की योजना बनायी है और इसे एसएसकेएम अस्पताल के विंग के रूप में ही विकसित करने की योजना है.