कोलकाता. पुरुषों के अधिकारों की रक्षा के लिए आंदोलन कर रहे विभिन्न संगठनों के मंच नेशनल कोलिशन ऑफ मेन (एनसीएम) ने केंद्र सरकार से पुरुषों के अधिकारों की रक्षा के लिए आम बजट में अलग से फंड आवंटित करने की मांग की है. एनसीएम के अध्यक्ष अमित गुप्ता ने यह मांग उठाते हुए कहा कि 2013 के आम बजट में महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए 97134 करोड़ रुपये मंजूर किये गये. इस फंड में से 99 प्रतिशत राशि महिलाओं के संरक्षण पर खर्च की गयी. देश भर में प्रत्येक वर्ष 33 हजार दुष्कर्म के मामले दर्ज किये जाते हैं, जिनमें से 25 प्रतिशत मामलों की प्रामणिकता साबित नहीं होती है. अर्थात केवल 10 हजार महिलाओं के संरक्षण के नाम पर 97,134 करोड़ रुपये खर्च किये जाते हैं. जबकि देश में प्रत्येक वर्ष लगभग एक लाख पुरुष आत्महत्या करते हैं. इनमें से अधिकतर 498 ए के झूठे मामले के सताये हुए होते हैं. श्री गुप्ता ने कहा कि क्या सरकार एक लाख पुरुषों की रक्षा के लिए तीन लाख करोड़ रुपये आवंटित नहीं कर सकती हैं. श्री वर्मा ने कहा कि हमारी केंद्र सरकार से यह मांग है कि पुरुषों के लिए एक आयोग का गठन किया जाये व एक पुरुष मंत्रालय बनाया जाये. साथ ही प्रत्येक विश्वविद्यालय में एक डिपार्टमेंट ऑफ जेंडर स्टडीज का गठन हो, जहां पुरुषों की स्थिति पर शोध कर समस्याओं का समाधान निकाला जा सके. इसके साथ ही श्री गुप्ता ने पुरुषों के लिए देश भर में एक हजार शेल्टर होम तैयार करने व प्रत्येक जिले में काउंसिलिंग सेंटर तैयार करने की भी केंद्र से मांग की है.
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पुरुष अधिकारों की रक्षा के लिए बजट में फंड आवंटित करने की मांग
कोलकाता. पुरुषों के अधिकारों की रक्षा के लिए आंदोलन कर रहे विभिन्न संगठनों के मंच नेशनल कोलिशन ऑफ मेन (एनसीएम) ने केंद्र सरकार से पुरुषों के अधिकारों की रक्षा के लिए आम बजट में अलग से फंड आवंटित करने की मांग की है. एनसीएम के अध्यक्ष अमित गुप्ता ने यह मांग उठाते हुए कहा कि […]
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