दाजिर्लिंग में बंद का आठवां दिन : आंदोलनकारियों पर बरसीं ममता, दिया
कोलकाता : उत्तर बंगाल के दाजिर्लिंग में पिछले आठ दिनों से चल रहे बंद पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अगर 72 घंटे के अंदर बंद वापस नहीं लिया गया, तो राज्य सरकार बंद समर्थकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी, क्योंकि बर्दाश्त करने की सीमा अब पार हो चुकी है.
इस तरह के असंवैधानिक व गैरकानूनी बंद को कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. सोमवार तक अगर बंद वापस नहीं लिया गया, तो बंद समर्थक नेताओं के पर काट दिये जायेंगे. यह नहीं देखा जायेगा कि उनका कद कितना बड़ा है.
पहाड़ पर करवाया गया जबरन बंद
उन्होंने कहा कि बंद की वजह से दाजिर्लिंग में जनजीवन ठप हो गया है. वहां के सभी स्कूल, कॉलेज, सरकारी कार्यालय जबरन बंद कर दिये गये हैं. यहां तक कि राशन दुकान भी बंद करा दिये गये हैं.
बंद के लिए हाइकोर्ट ने जो आदेश दिये हैं, उन्हें माना जायेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते दिनों राज्य के गृह सचिव बासुदेव बनर्जी दाजिर्लिंग दौरे पर गये थे, लेकिन उसके बाद भी बंद समर्थक नहीं चेते. हालांकि अपने बयान में मुख्यमंत्री ने किसी भी नेता का नाम नहीं लिया.
उन्होंने कहा कि बंद वापस लेने के बाद ही राज्य सरकार इस मुद्दे पर कोई बातचीत करेगी.
ईद पर भी दाजिर्लिंग में बंद रहा. अब सामने स्वतंत्रता दिवस है, इसलिए इससे पहले दाजिर्लिंग में जनजीवन को हर हाल में सामान्य करना होगा. इस बंद से वहां की जनता खुश नहीं है, आम लोगों के स्वार्थ के लिए बंद को खत्म करना ही होगा.
केंद्र न करे हस्तक्षेप
केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के मामले में वह हस्तक्षेप न करे तो ही बेहतर है. उन्होंने कहा : यह हमारा मुद्दा है और इसका समाधान भी हम कर लेंगे. विभाजन की नीति को राज्य सरकार कभी बर्दाश्त नहीं करेगी, इसलिए केंद्रीय नेताओं को इस मामले से दूर ही रहना चाहिए.
दाजिर्लिंग बंगाल का दिल और यह बंगाल का हिस्सा है और हमेशा रहेगा. दाजिर्लिंग को बंगाल से कभी अलग नहीं किया जा सकता. गौरतलब है कि गोरखा जनमुक्ति मोरचा (गोजमुमो) के प्रतिनिधि पिछले दिनों दिल्ली गये थे और वहां कई केंद्रीय व भाजपा नेताओं से मुलाकात की थी. इसके बाद राष्ट्रीय कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के दाजिर्लिंग सफर की संभावना प्रबल हो गयी है.
केबल चैनलों के पास उचित कागजात नहीं
वहीं, दाजिर्लिंग में बंद हुए केबल सेवा के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ सैटेलाइट चैनलों के पास आवश्यक दस्तावेज नहीं हैं. दस्तावेज दिखाने के बाद ही केबल सेवा सामान्य कर दी जायेगी. यह एक प्रकार का रूटीन चेक–अप है. जितना जल्दी केबल ऑपरेटर दस्तावेज दिखायेंगे, उतनी जल्दी ही सेवा सामान्य कर दी जायेगी.
गौरतलब है कि गुरुवार की रात से ही पूरे दाजिर्लिंग में केबल सेवा बंद कर दी गयी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) सभा के चेयरमैन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, जिसे मंजूर कर लिया गया है. अगले दो–तीन के अंदर इस पद का दायित्व किसी दूसरे व्यक्ति को सौंपा जायेगा.
गोजमुमो प्रमुख बिमल गुरुंग का नाम नहीं लेते हुए उन्हें आड़े हाथों लेते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि उन्हें सरकार के दायित्वों के हिसाब से कदम उठाना है. कितना भी बड़ा नेता जिसने अपनी पूंछ कहीं और बांध रखी हो, उसकी पूंछ काट दी जायेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि वह केंद्र सरकार की कुछ एजेंसियों से राज्य के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करने का आवेदन कर रही हैं.
हमें राज्य में कानून व्यवस्था, शांति और खुशहाली कायम रखने दें. दाजिर्लिंग में एक लोकसभा सीट होने के मद्देनजर उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि किसी को भी एक निर्वाचन क्षेत्र पर ध्यान लगाकर गोजमुमो के साथ समझ नहीं बनानी चाहिए. गौरतलब है कि भाजपा नेता जसवंत सिंह फिलहाल दाजिर्लिंग से सांसद हैं. उन्होंने कहा कि एक सीट के लिए शरारत नहीं करें. राज्य को बांटने का प्रयास नहीं करें.
इस बीच, सूत्रों ने कहा कि बंद के कारण सिक्किम की जीवनरेखा मानी जानेवाले राष्ट्रीय राजमार्ग-31ए पर यातायात भी प्रभावित था. गोजमुमो नेता और उनके सर्मथक मुख्य इलाकों और दार्जीलिंग जिला मजिस्ट्रेट के कार्यालय के सामने एकत्रित हो गये और उन्होंने अपनी मांगों के समर्थन में तथा गिरफ्तार नेताओं की रिहाई को लेकर नारेबाजी की.
शीर्ष गोजमुमो नेता की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन
दाजिर्लिंग त्न पृथक गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर दाजिर्लिंग हिल्स में शनिवार को बंद के आठवें दिन सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा, जबकि एक शीर्ष गोरखा जनमुक्ति मोरचा (गोजमुमो) नेता को आगजनी व हत्या की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया.
मोरचा दाजिर्लिंग टाउन कमेटी के अध्यक्ष नारायण प्रधान को शनिवार तड़के आगजनी व हत्या की कोशिश सहित अन्य आपराधिक मामलों में गिरफ्तार किया गया. इसके खिलाफ शहर के वृद्धों व अन्य समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन व रैलियां निकालीं.