राहुल सिन्हा ने कहा : इतने दिनों तक तृणमूल की पूंजी हवाई चप्पल थी, लेकिन राज्य के लोग समझ चुके हैं कि हवाई चप्पल में सारधा छिपा हुआ था. कृष्णगंज व बनगांव लोकसभा उपचुनाव में भाजपा के हारने के पीछे तृणमूल का साइंटिफिक रिगिंग मुख्य कारण रहा. सुबह साढ़े 10 बजे से शाम तीन बजे तक वोट प्रक्रिया को स्थगित रखा गया था. साइंटिफिक रिगिंग में माकपा से तृणमूल में शामिल होनेवाले कार्यकर्ता ही मौजूद थे.
आनेवाले चुनावों में इस प्रक्रिया की रोकथाम के लिए उन्होंने बूथ कर्मचारियों को और सक्रिय होने का निर्देश दिया. राज्य की वर्तमान स्थिति पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अब कल्पतरु हो गयी हैं. जाने के पहले दान करने का काम कर रही हैं. मुख्यमंत्री जिस तरह से शिलान्यास करती जा रही हैं, उससे एक दिन ऐसा आयेगा, जब सिर्फ शिला और शिला ही नजर आयेंगी. आलू के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि बीते वर्ष आलू का उत्पादन ज्यादा होने पर सरकार ने बाहरी राज्यों में आलू भेजने पर रोक लगा दी थी. इस साल आलू के दाम इतने नीचे गिर गये हैं कि पैदावार की खर्च भी उठ रही है.
अगर ऐसा ही चलता रहा तो आलू किसान मर जायेंगे. उन्होंने राज्य सरकार से आलू का सहायक मूल्य निर्धारित करने की अपील की है. श्री सिन्हा ने अपने संबोधन में आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित होने का दावा किया. उन्होंने 2016 के विधानसभा चुनाव के लिए नवंबर महीने से ही पार्टी कार्यकर्ताओं को मैदान में उतरने की हिदायत दी. सभा में उत्तर बंगाल के भाजपा पर्यवेक्षक पार्थ घोष, भाजपा के जलपाईगुड़ी जिलाध्यक्ष दिपेन प्रमाणिक व अन्य उपस्थित रहे.