ऐसा ही आरोप बंगीय प्राथमिक शिक्षक समिति की ओर से लगाया गया है. गुरुवार को समिति की ओर से रैली निकाली गयी और साथ ही समिति ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा है. इस संबंध में समिति के अध्यक्ष कार्तिक साहा ने कहा कि बंगाल में शिक्षा क्षेत्र की दुर्दशा वाममोरचा के कार्यकाल से चलती आयी है और नयी सरकार आने के बाद कुछ नये कदम उठाये हैं, जिससे इसकी स्थिति और खराब हो गयी है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कक्षा आठ तक पास-फेल की प्रथा को जो खत्म करने का फैसला किया है, इस पर पुनर्विचार करना चाहिए. शिक्षा का विकास करने के लिए राज्य सरकार को कक्षा चार से ही छात्र वृत्ति की शुरूआत करनी चाहिए.
समिति के महासचिव आनंद हांडा ने बताया कि समिति की ओर से सीएम के समक्ष 15 सूत्री मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा है, जिसमें टीचर्स हेल्थ होम की स्थापना, चिकित्सा भत्ता जारी रखने, रिटायर शिक्षकों को भी सात फीसदी डीए प्रदान करने, 40 रिक्त पदों पर जल्द से जल्द नियुक्ति सहित अन्य मांगों को रखा है.