लेकिन पार्टी मजबूत और एकीकृत है और यह हमारा एकजुट परिवार है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली करारी हार और पश्चिम बंगाल में उपचुनाव में भगवा पार्टी को ज्यादा आगे बढ़ने में मिली विफलता की ओर इशारा करते हुए ममता ने कहा कि देश में जनता का फैसला इस बात की झलक है कि वे धर्मनिरपेक्षता, एकता एवं विकास के साथ हैं. तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों को भारी अंतर के साथ मिली जीत पर उन्होंने कहा हमें भी यह उम्मीद नहीं थी कि तृणमूल के उम्मीदवारों को इतने अधिक वोट मिलेंगे. लोगों ने वाकई विपक्ष का सफाया कर दिया है. सुश्री बनर्जी ने विपक्षी नेताओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि टीवी स्टूडियो में बैठ कर बड़ी-बड़ी बातें करने की बजाय लोगों के लिए जमीनी स्तर पर काम करना जरुरी है. जब उनसे पूछा गया कि क्या सारधा विवाद ने उपचुनावों में पार्टी पर बुरा प्रभाव डाला है तो उन्होंने एक बार फिर कहा कि साजिश दिल्ली से रची गई थी.
भाजपा और मीडिया के एक हिस्से ने उनके खिलाफ दुष्प्रचार अभियान शुरु किया. दुष्प्रचार के बावजूद जनता ने अपनी बात कह दी है. ममता ने अपने उम्मीदवार ममता बाला ठाकुर को उनके माकपाई प्रतिद्वंद्वी और वाम मोर्चा सरकार में पूर्व मंत्री रहे देबेश दास पर 2,11,794 वोटों के भारी अंतर से मिली जीत के संदर्भ में कहा कि बनगांव लोकसभा सीट पर हमारे वोटों की संख्या बढ़ी है. मई में हम 1,47,000 वोटों के अंतर से जीते थे. ममता बाला ठाकुर की जीत पर उन्होंने कहा कि दूसरे लोग संसद में 33 प्रतिशत आरक्षण की बात करते हैं. लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के 34 सांसदों में हमारी महिला सांसदों का प्रतिशत 35.2 का है.
उन्होंने कहा कि वह जनता को मुबारकबाद देती हैं और उन्हें सलाम करती हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने उपचुनावों में प्रचार नहीं किया था और काम अपने भतीजे एवं सांसद अभिषेक बनर्जी समेत अपनी पार्टी के प्रतिनिधियों पर छोड़ दिया था. उन्होंने कहा कि हम शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव करवाने के लिए चुनाव आयोग का धन्यवाद करते हैं, जहां मतदाता स्वतंत्र रुप से अपनी इच्छा व्यक्त कर सके.