अपने पत्र में सेना ने कहा है कि निगम इन इलाकों में बहुमंजिली इमारतों के निर्माण की इजाजत न दे. अगर अब से किसी को इन उपरोक्त इलाकों में बहुमंजिली इमारतों का निर्माण करना है तो उसे निगम के साथ-साथ सेना की इजाजत भी लेनी पड़ेगी. सेना का कहना है कि यह फैसला सुरक्षा कारणों से लिया गया है और केवल कोलकाता में ही नहीं, देश के अन्य शहरों में भी हम लोगों ने इस फैसले को लागू किया है. आतंकवादी घटनाओं को रोकने के लिए कई कदम उठाये जा रहे हैं, जिनमें से यह भी एक प्रयास है.
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सेना ने लगायी बहुमंजिली इमारतों के निर्माण पर रोक, कहा सेना से भी लेनी होगी इजाजत
कोलकाता: सेना ने महानगर के कुछ इलाकों में बहुमंजिली इमारतों के निर्माण पर रोक लगा दी है. सेना के इस फैसले से कोलकाता नगर निगम भड़क उठा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार सेना ने निगम आयुक्त खलील अहमद को एक पत्र लिख कर शहर के कुछ इलाकों में बहुमंजिली इमारतों के निर्माण की इजाजत नहीं […]
कोलकाता: सेना ने महानगर के कुछ इलाकों में बहुमंजिली इमारतों के निर्माण पर रोक लगा दी है. सेना के इस फैसले से कोलकाता नगर निगम भड़क उठा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार सेना ने निगम आयुक्त खलील अहमद को एक पत्र लिख कर शहर के कुछ इलाकों में बहुमंजिली इमारतों के निर्माण की इजाजत नहीं देने के लिए कहा है. इनमें फोर्ट विलियम, हेस्टिंग्स, बालीगंज, मैदान इलाका, टर्फ व्यू, बंगाल एरिया कंप्लेक्स, ब्रेनफिल्ड रोड, तारातला रोड इत्यादि इलाके शामिल हैं.
रिहायशी इलाकों में यह रोक क्यों
सेना के इस कदम से नाराज मेयर शोभन चटर्जी ने कहा है कि देश की रक्षा से कोई भी खिलवाड़ नहीं कर सकता है. सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए हम लोग हर प्रकार की मदद करने के लिए तैयार हैं. अगर यह रोक सैन्य ठिकानों अथवा सेना के बेस के आसपास के इलाकों तक सीमित होती तो हमें कोई एतराज नहीं था, पर रिहायशी इलाकों में यह रोक क्यों लगायी गयी है, यह समझ से बाहर की बात है. श्री चटर्जी ने कहा कि यह एक तुगलकी फरमान है. सेना के इस फैसले से हम लोग बेहद चिंतित हैं, क्योंकि जिन इलाकों में सेना ने बहुमंजिली इमारतों के निर्माण पर रोक लगायी है, उन इलाकों में हम लोग पहले ही काफी बिल्डिंग प्लान को मंजूरी दे चुके हैं. सेना के इस फैसले से बिल्डिंग प्लान लेने वालों को करोड़ों का नुकसान होगा. वहीं निगम को भी भारी नुकसान होगा, क्योंकि कई प्लान मंजूरी की प्रक्रिया से गुजर में है, जिन्हें रोक दिया गया है.
केवल एक पत्र लिख कर फरमान जारी कर देना बेहद गलत
मेयर ने कहा कि इस फैसले के खिलाफ हम लोग सेना के साथ-साथ हर जरूरी जगह व व्यक्ति से बात करेंगे. श्री चटर्जी ने कहा कि अगर सुरक्षा की बात थी, तो इसके लिए पहले संसद में विचार-विमर्श कर कोई फैसला लेना चाहिए था. निगम आयुक्त को केवल एक पत्र लिख कर यह फरमान जारी कर देना बेहद गलत है.
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