कोलकाता. पिछले महीने 31 नंबर वार्ड अंतर्गत स्थिति एक बस्ती के अग्नि पीडि़तों को कोलकाता नगर निगम ने राहत व पुनर्वास उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया है. माकपा के राजीव विश्वास ने निगम के मासिक अधिवेशन में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि पहले आग लगने की किसी घटना के बाद निगम की ओर से पीडि़तों को फौरन मदद उपलब्ध करायी जाती थी. निगम की ओर से मदद के रूप में तिरपाल के अलावा नकद रुपये देने की भी परंपरा रही है. इस बार ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला. निगम क्लबों को पैसे दे रहा है. केकेआर के ऊपर रुपये लुटाये जा रहे हैं, लेकिन गरीबों के लिए उसके पास फंड नहीं है. विपक्ष की नेता रूपा बागची ने कहा कि आग लगने पर निगम ने घर तक बना कर दिया है. आग में दुकान नष्ट होने पर हर्जाना देने का भी इतिहास रहा है. पर, इस बार निगम बस्ती को अवैध बता कर मदद करने से इनकार कर रहा है. स्थानीय पार्षद ने भी राहत देने की सिफारिश की थी, लेकिन उसे भी ठुकरा दिया गया. इस पर जवाब देते हुए मेयर परिषद सदस्य अतीन घोष ने कहा कि जिस बस्ती में आग लगी, वह पूरी तरह अवैध थी. वहां रहनेवालों के पास राशन कार्ड तक नहीं हैं. वे लोग अवैध रूप से वहां रह रहे थे, जिस जगह यह घटना हुई, वह जमीन रेलवे की है. इसलिए उन लोगों की किसी तरह की मदद करना निगम की जिम्मेदारी नहीं बनती है. इसके बावजूद निगम के बस्ती विभाग ने उन्हें राहत व पुनर्वास देने का बीड़ा उठाया है और जल्द ही काम शुरू हो जायेगा. गौरतलब है कि ईएम बाइपास संलग्न 164 एस, मानिकतला मेन रोड स्थित इस छोटी सी बस्ती में आग लगने से 60 झोपडि़यां जल कर राख का ढेर बन गयी थीं.
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अग्निपीडि़तों को राहत व पुनर्वास का आश्वासन
कोलकाता. पिछले महीने 31 नंबर वार्ड अंतर्गत स्थिति एक बस्ती के अग्नि पीडि़तों को कोलकाता नगर निगम ने राहत व पुनर्वास उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया है. माकपा के राजीव विश्वास ने निगम के मासिक अधिवेशन में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि पहले आग लगने की किसी घटना के बाद निगम की ओर से […]
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