ढाका. न्यायमूर्ति सुरेंद्र कुमार सिन्हा को सोमवार को बांग्लादेश का प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किया गया. वह मुसलिम बहुल देश में इस सर्वोच्च न्यायिक पद पर आसीन होने वाले पहले हिंदू हैं. राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुल हामिद ने शीर्ष अदालत के वरिष्ठतम न्यायाधीश सिन्हा को प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किया. उनका कार्यकाल तीन वर्ष से थोड़े अधिक समय तक रहेगा. वह देश के प्रधान न्यायाधीश बनने वाले पहले गैर मुसलिम हैं. विधि मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि 64 वर्षीय सिन्हा 17 जनवरी को यह कार्यभार संभालेंगे. मौजूदा प्रधान न्यायाधीश मुजम्मिल हुसैन 16 जनवरी को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. बांग्लादेश में सुप्रीमकोर्ट के न्यायाधीश की सेवानिवृत्ति की उम्र 67 वर्ष है. सिन्हा बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की हत्या और संविधान के पांचवें तथा 13वें संशोधन सहित कई अन्य चर्चित मामलों मंे ऐतिहासिक फैसले सुना चुके हैं. वह पाकिस्तान के खिलाफ देश के 1971 के मुक्ति संग्राम से जुड़े आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए अपीलीय न्यायाधीश भी हैं. एलएलबी करने के बाद उन्होंने 1974 में जिला अदालत सिलहट में वकालत के लिए नामांकन कराया और वकालत शुरू की. उन्हांेने वर्ष 1977 की अंत तक सत्र अदालत में स्वतंत्र रूप से पैरवी की. इसके बाद उन्होंने वकील के तौर पर हाईकोर्ट और अपीलीय खंड में क्रमश: 1978 और 1990 में नामांकन कराया. वर्ष 1999 में वह हाईकोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त हुए और 2009 में अपीली खंड के न्यायाधीश बनाये गये. न्यायमूर्ति सिन्हा का शपथ ग्रहण समारोह 17 जनवरी को बंगबंधु प्रेसीडेंशियल पैलेस में होगा. बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट मंे दो खंड, अपीलीय खंड और हाईकोर्ट खंड हैं.
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बांग्लादेश को मिला पहला हिंदू प्रधान न्यायाधीश
ढाका. न्यायमूर्ति सुरेंद्र कुमार सिन्हा को सोमवार को बांग्लादेश का प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किया गया. वह मुसलिम बहुल देश में इस सर्वोच्च न्यायिक पद पर आसीन होने वाले पहले हिंदू हैं. राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुल हामिद ने शीर्ष अदालत के वरिष्ठतम न्यायाधीश सिन्हा को प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किया. उनका कार्यकाल तीन वर्ष से थोड़े अधिक समय […]
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