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नगर निगम चुनाव 2015: कइयों की सांसें अभी से अटकीं

कोलकाता: आगामी मार्च, 2015 में कोलकाता नगर निगम के चुनाव होने की संभावना है. राज्य में माकपा समेत सभी वामपंथी दलों एवं कांग्रेस के कमजोर पड़ने के बाद मोदी लहर में भाजपा के उदय से जो स्थिति उत्पन्न हुई है. उसकी सबसे पहली व बड़ी परीक्षा इसी चुनाव में होगी. निगम चुनाव में सीटों का […]

कोलकाता: आगामी मार्च, 2015 में कोलकाता नगर निगम के चुनाव होने की संभावना है. राज्य में माकपा समेत सभी वामपंथी दलों एवं कांग्रेस के कमजोर पड़ने के बाद मोदी लहर में भाजपा के उदय से जो स्थिति उत्पन्न हुई है. उसकी सबसे पहली व बड़ी परीक्षा इसी चुनाव में होगी. निगम चुनाव में सीटों का आरक्षण एक बड़ा मुद्दा है.

33 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए एवं कुछ सीटें अनुसूचित जाति व अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आरक्षित होता है. ऐसे में प्रत्येक बार निगम चुनाव से पहले सभी दलों के पार्षदों में कशमकश की स्थिति होती है. हर कोई यह जानने की कोशिश में रहता है कि आखिर उसका वार्ड में क्या होगा. चुनाव आयोग वार्डो के आरक्षण की ड्राफ्ट तालिका तैयार कर चुका है.

संभवत: फरवरी में इसका आधिकारिक रूप से एलान हो जायेगा. सूत्रों के अनुसार निगम ने वाडरे की जो ड्राफ्ट तालिका तैयार की है, उसके अनुसार कई मेयर परिषद सदस्यों को इस बार चुनाव लड़ने के लिए दूसरा वार्ड में जाना होगा, क्योंकि उनका वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित होने की संभावना है. इनमें मेयर परिषद सदस्य राजीव देव, देवब्रत मजुमदार एवं सपन समद्दार शामिल हैं. इकबाल अहमद, निजामउद्दीन शम्स, मोइनुल हक चौधरी, अनिल मुखर्जी, डा. शांतनु सेन, राजकिशोर गुप्ता, दुर्गा प्रसाद मुखर्जी, अमिताभ बनर्जी, गोपाल राय जैसे तृणमूल कांग्रेस के हेविवेट व वरिष्ठ नेताओं की सीट भी इस बार आरक्षण की बलि चढ़ने वाले हैं.

आरक्षण के खतरे से विपक्षी पार्षदों की सीट भी नहीं बचने वाले हैं. निगम के वाममोरचा के चीफ व्हीप अमिल मित्र, पूर्व मेयर परिषद सदस्य दीपकंर दे व सुशील कुमार शर्मा के परंपरागत सीट भी इस बार आरक्षित हो सकते हैं.

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